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Month: September 2020

‘‘यूपी में 5 साल तक संविदा नौकरी के प्रस्ताव से घबराने की कोई ज़रूरत नहीं है सरकार’’- रवीश कुमार

उत्तर प्रदेश का कार्मिक विभाग प्रस्ताव ला रहा है कि समूह ‘ख’ व ‘ग’ की भर्ती अब 5 साल के लिए संविदा पर होगी. पांच साल के दौरान जो छंटनी से बच जाएंगे उन्हें स्थायी किया जाएगा. अगर यह ख़बर सही है तो इस पर व्यापक बहस होनी चाहिए. अख़बार में छपी ख़बर के अनुसार उत्तर प्रदेश…

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सुप्रीम कोर्ट की सुदर्शन चैनल के ‘यूपीएससी जिहाद’ कार्यक्रम के बहाने पूरे मीडिया को खरी-खरी

सुप्रीम कोर्ट सुदर्शन न्यूज़ के ‘बिंदास बोल’ में ‘यूपीएससी जिहाद’ कार्यक्रमपर रोक लगाने के लिए 7 पूर्व नौकरशाहों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस पर तीन न्यायाधीशों की बेंच सुनवाई कर रही थी। बेंच ने कहा, ‘ऐसा लगता है कार्यक्रम का उद्देश्य मुसलिम समुदाय को बदनाम करना है और उन्हें कुछ इस तरह…

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मिराज : इस स्पेनिश फिल्म को झटपट देख लीजिए, इससे पहले कि इसकी सस्ती रीमेक आपके माथे मढ़ दी जाए

शुभम उपाध्याय नेटफ्लिक्स पर मौजूद ‘मिराज’ (2018) के निर्देशक ओरिओल पाउलो ने 2012 में ‘द बॉडी’ भी बनाई थी जिसका रीमेक हो रहा है, 2016में ‘द इनविजिबल गेस्ट’ जिसका आधिकारिक हिंदी रीमेक हाल ही में ‘बदला’ नाम से रिलीज हुआ । कहने का मतलब है कि इस कुशल स्पेनी निर्देशक की हर फिल्म पर बॉलीवुड…

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जलवायु परिवर्तन पर ट्रम्प के फैसलों के बावजूद शून्य उत्सर्जन की ओर बढ़ रहा है अमेरिका

पिछले चार वर्षों के दौरान डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के पर्यावरण संबंधी कई समझौतों से अलग होने के बावजूद अमेरिका इससे होने वाले नुकसान की भरपाई करने में कामयाब रहा है। ऐसा होने से अमेरिका के लिए वर्ष 2050 तक शून्य शुद्ध उत्सर्जन वाला देश बनने की संभावनाएं जिंदा हैं, बशर्ते वर्ष 2021 में जलवायु संबंधी पुरजोर…

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हिन्दू कालेज दिल्ली में हिंदी दिवस पर वेबिनारः कवि नरेश सक्सेना द्वारा साहित्य सभा का उद्घाटन

दिल्ली। ‘मातृभाषाओं में पढ़े-समझे बिना ज्ञान की प्राप्ति नहीं हो सकती। रटी हुई भाषा में रटे हुए विचार ही आएँगे, वहाँ मौलिक और नये विचार पैदा नहीं हो सकते।’ सुप्रसिद्ध हिंदी कवि नरेश सक्सेना ने उक्त विचार  हिन्दू कालेज की हिंदी साहित्य सभा का उद्घाटन करते हुए व्यक्त किए। सभा द्वारा आयोजित वेबिनार में लखनऊ…

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कहानीः अंतिम बातचीत -रघुनंदन त्रिवेदी

रघुनंदन त्रिवेदी- (17 जनवरी 1955 -10 जुलाई 2004)रघुनंदन त्रिवेदी अपने समय से आगे के कथाकार माने जाते रहे । हालांकि  कम उम्र में ही उनका निधन हो गया मग़र इस दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण कहानियां लिखीं । तीन कहानी संग्रह 1988 में ॅयह ट्रेजेडी क्यों हुई,ॅ  1994 में ॅवह लड़की अभी जिन्दा हैॅ तथा 2001 में ॅहमारे शहर की भावी…

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गद्य साहित्य में शरत चंद्र भारत के हर लेखक से ऊपर हैं – मार्कंडेय काटजू

आज मशहूर साहित्यकार शरत चंद्र की जयंती है. अंग्रेज शरत चंद्र की लोकप्रियता से डर गए थे इसलिए उन्होंने यीट्स के माध्यम से रबींद्रनाथ टैगोर को स्थापित किया. मैं रबींद्रनाथ टैगोर जैसे हल्के-फुल्के लोगों को महान मानने से इनकार करता हूं.साहित्य के क्षेत्र में मैं शरत चंद्र चट्टोपाध्याय और काज़ी नज़रुल इस्लाम का सबसे ज्यादा…

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क्यों GST मुआवज़े पर केंद्र सरकार का रवैया बेहद विचित्र है – प्रभात पटनायक

राज्यों को जिस GST मुआवज़े का वायदा किया गया था, उसकी मनाही के लिए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा “एक्ट ऑफ़ गॉड” की बात कहना संसदीय क़ानून का उल्लंघन और आर्थिक तर्कशास्त्र का मखौल है। जब ‘वस्तु एवम् सेवा कर (GST)’ लाया गया था, तब केंद्र ने राज्यों से वायदा किया था कि नई व्यवस्था से…

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लड़कियों के विवाह की न्यूनतम आयु भी क्यों न 21 वर्ष हो!

नाइश हसन 18 वर्ष की आयु में लड़की का विवाह करने का अर्थ है कि हम उसे उच्च शिक्षा प्राप्त करने से वंचित कर रहे हैं। क्या हम लड़कियों को मात्र 12वीं तक ही पढ़ाना चाहते हैं? शिक्षित भारत बनने के लिए बेटियों को उच्च शिक्षा प्राप्त होना बहुत जरूरी है। विज्ञान, तकनीकी, व संचार…

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लोगों की आवाज़ कुचलने राजद्रोह लगाकर दमन की कोशिश की जा रही है : जस्टिस लोकुर

कई लोग अपनी आवाज़ उठा रहे हैं लेकिन सरकारें सोचती हैं कि वे ऐसा करके अपनी हदों को पार कर रहे हैं। तो लोग क्या कर सकते हैं। वे सड़कों पर नहीं जा सकते और हिंसा नहीं कर सकते। वे केवल अपनी बात को कहना जारी रख सकते हैं । आवाज़ उठाने पर राज्य सरकारें…

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