Breaking News

Month: October 2020

हाथरस रेप मामले में पीड़िता को दलित लड़की कहकर पुकारना क्यों ज़रूरी है?

अजय कुमार हाथरस वाले मामले में दोहरा संयोग या ‘प्रयोग’ ये हुआ है कि एक तो वह स्त्री थी और दूसरी बात वह दलित थी। इसलिए क्रूरता ही नहीं हुई बल्कि भयानक क्रूरता हुई। इसे ऐसे समझा जाए कि लिंग के आधार पर तो मर्दों ने उस पर अपना हक माना ही साथ में जाति के आधार…

Read more

राम माधव को पद से हटने के बाद हिटलर और स्टालिन की याद क्यों आयी? – आशुतोष

राम माधव किसी दल, सरकार और नेता का ज़िक्र नहीं करते। लेकिन आसानी से समझा जा सकता है कि वो कहाँ पर निशाना लगा रहे हैं। कौन सी पार्टी सरकार के सामने पूरी तरह से बिछ गयी है। और वो कौन सा नेता है जिसके सत्ता में आगमन के बाद और पहले भी प्रतिद्वंद्वियों को…

Read more

बलात्कारियों को बचाती है हमारी क़ानून व्यवस्था!

शैलेश उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनने के बाद दलितों के साथ अत्याचार और बलात्कार की घटनाएँ और बढ़ी हैं। हाथरस के बाद बलरामपुर से इसी तरह की घटना की ख़बर आयी। उसके पहले आज़मगढ़ और बुलंद शहर में बलात्कार की घटनाएँ हुईं। उत्तर प्रदेश सरकार इन घटनाओं को रोकने में असफल है। उसका…

Read more

श्रद्धा और घृणा की धुंध हटाए बिना गांधी को जानना कठिन है- अपूर्वानंद

गांधी अपने ही देश में अफवाह बन गए हैं. उन्हें जानने की शुरुआत उस तरीके से की जा सकती है जो नेहरू ने ‘गांधी’ बनाने की सोच रहे रिचर्ड अटेनबरो को सुझाया था यह किंचित सुखद आश्चर्य की बात है कि गांधी में अभी भी नौजवानों की दिलचस्पी बनी हुई है. कुछ समय पहले महू…

Read more

Kerala CM Vijayan:Babri Masjid demolition wounded nation like assassination of Gandhi

Kerala Chief Minister Pinarayi Vijayan said, “The demolition of the Babri Masjid is not just a destruction of a mosque – it is an unparalleled crime that has deeply wounded the country like the assassination of Gandhi,” Kerala Chief Minister Pinarayi Vijayan said that it was unfortunate that criminals in the case were not punished….

Read more

राजा रवि वर्मा न होते तो हमारे देवी-देवता होते जरूर, पर कैसे होते कहना मुश्किल है

चंदन शर्मा राजा रवि वर्मा ऐसे पहले चित्रकार थे जिन्होंने हिंदू देवी-देवताओं को आम इंसान जैसा दिखाया. आज हम फोटो, पोस्टर, कैलेंडर आदि में सरस्वती, लक्ष्मी, दुर्गा, राधा या कृष्ण की जो तस्वीरें देखते हैं वे ज्यादातर राजा रवि वर्मा की कल्पनाशक्ति की ही उपज हैं. उनके सबसे मशहूर चित्रों में ‘सरस्वती’ और ‘लक्ष्मी’ के…

Read more

किसानों में आक्रोश को लेकर गांधी ने जो चेतावनी दी थी क्या आज हम उसी का सामना कर रहे हैं?

अव्यक्त आजाद भारत की सत्ता में किसानों की भागीदारी की वकालत करने वाले महात्मा गांधी ने अपनी मौत से एक दिन पहले तक कहा था कि भारत का प्रधानमंत्री एक किसान होना चाहिए आधुनिक भारत में संगठित किसान आंदोलन के जनकों में से एक प्रोफेसर एनजी रंगा स्वयं एक किसान के बेटे थे. उन्होंने गुंटूर…

Read more

लाल बहादुर शास्त्री: जिनकी एक आवाज़ पर लाखों भारतीयों ने छोड़ दिया था एक वक़्त का खाना

रेहान फ़ज़ल वाक़या 26 सितंबर, 1965 का है. भारत-पाकिस्तान युद्ध ख़त्म हुए अभी चार दिन ही हुए थे. जब प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने दिल्ली के रामलीला मैदान में हज़ारों लोगों के सामने बोलना शुरू किया तो वो कुछ ज्यादा ही अच्छे मूड में थे. तालियों की गड़गड़ाहट के बीच शास्त्री ने ऐलान किया, “सदर…

Read more

गाँधी: विद्रोह की आध्यात्मिकता- नन्दकिशोर आचार्य

      मेरा जीवन ही मेरा सन्देश है – महात्मा गाँधी के इस प्रसिध्द कथन का वास्तविक तात्पर्य क्या है? क्या इस का आशय उनकी निजी जीवन शैली से है अर्थात् अपरिग्रह प्रेरित न्यूनतम आवश्यकताओं पर आधारित सादा जीवन-शैली से अथवा इस कथन को उनके सार्वजनिक जीवन के सन्दर्भ में व्याख्यायित किया जाना चाहिए। महात्मा गांधी…

Read more

गांधीः चमकाओ इतना कि पूरा देश, पूरी दुनिया इस चमक से भर जाए – प्रियंवद

मेरे पास गांधी की पीतल की एक प्रतिमा है। करीब सवा फिट ऊँची। बहुत पहले मेरे पिता पैंतीस रुपए में खरीद कर लाए थे। कहाँ से, यह मुझे याद नहीं। प्रतिमा तीन सीढ़ियों के ऊपर रखी है। गांधी का ‘बस्ट’ बना है। पीतल पर सारा काम है। गांधी के चादर की सलवटें, गले की झुर्रियाँ,…

Read more