श्वेता चौहान महान सर्गोन की पुत्री एनहेडुआना जिसका समय 2285 से 2250 ईसा पूर्व माना जाता है। सर्गोन, प्राचीन सुमेर सभ्यता जिसे उस समय मेसोपोटामिया और अभी इराक की भूमि कहा जाता है, का प्रतापी राजा था। तीन महान ग्रंथों के अलावा एनहेडुआना ने लगभग 42 कवितायेँ और लिखीं हैं जिसमें उसने अपने जीवन की सारी…
रिलायंस रिटेल लिमिटेड ने कर्नाटक के रायचूर जिले में सिंधनूर तालुक के किसानों से 1,000 क्विंटल सोना मंसूरी धान की खरीद का करार किया है। हालांकि इस डील से हर कोई खुश नहीं है। कर्नाटक राज्य रैथा संघ के अध्यक्ष चमारासा मालिपाटिल ने कहा कि कॉर्पोरेट कंपनियां पहले तो किसानों को एमएसपी से ज्यादा दाम की…
संदीप राउज़ी आपको कैसा लगेगा अगर मूंगफली की उम्मीद में बढ़ी आपकी अंजुरी बादाम से भर जाए! आप चाय की तलाश में हैं और आपको गरमागरम दूध का न्योता मिल जाए। प्यास लगी हो और लोग ठेठ मक्खन वाली छाछ लिए आपकी सिफ़ारिश कर रहे हों। टीकरी बॉर्डर पर जमे किसान जत्थों के बीच घूमते…
राज कुमार वाट्सऐप ने नयी प्राइवेसी पॉलिसी जारी की है। जो 8 फरवरी 2021 से लागू हो जाएगी। आप इस पॉलिसी से सहमत हैं या नहीं ये बात कोई मायने नहीं रखती है। अगर आप वाट्सऐप का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो आपको इसे स्वीकार करना ही होगा और सहमति देनी होगी। अगर आप नयी…
हरियाणा के करनाल जिले के कैमला गांव में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के ‘किसान महापंचायत’ आयोजन का विरोध कर रहे किसानों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया, वाटर कैनन का इस्तेमाल किया.ने किसानों ने समारोह स्थल का पंडाल तोड़ दिया. मुख्यमंत्री का हेलिकॉप्टर हेलीपैड पर ही उड़ता रहा कुछ देर फिर वापिस चला गया. खट्टर के…
आम तौर पर प्रतीक का एक साझा अर्थ होता है। लेकिन क्या इन सारी नामवाचक, स्थानवाचक संज्ञाओं और कालसूचक संख्याओं का आशय या प्रतीकार्थ इस देश के सभी वासियों के लिए एक है? अगर एक के लिए ये सब उसके अपने वर्चस्व और दूसरे के लिए उसकी हीनता और उसके साथ की गई नाइंसाफी के…
लायम ओ’ फ़्लैहर्टी ( 28 अगस्त 1896- 7 सितंबर 1984)ः मशहूर आयरिश लेखक। आज पढ़ें उनकी कहानी The Sniper का अनुवाद- (अनुवाद सुशांत सुप्रिय) छिपा हुआ निशानची जून की शाम का लम्बा झुटपुटा रात में विलीन हो गया। डब्लिन अँधेरे के आवरण में लिपटा था, हालाँकि चाँद की मद्धिम रोशनी ऊन जैसे बादलों के बीच से झाँककर…
जो चिन्तक और लेखक हिन्दू राष्ट्रवाद में यकीन रखते हैं और आरएसएस की सोच से सहमत है, वे दिन-रात इस जुगत में लगे रहते हैं कि किसी प्रकार गाँधीजी और अन्य राष्ट्रीय नायकों के भाषणों, वक्तव्यों और लेखन से ऐसे शब्द, ऐसे वाक्य खोज निकाले जाएं जिनसे यह साबित किया जा सके कि भारतीय राष्ट्र…
अनुराग भारद्वाज रबींद्रनाथ टैगोर के ‘जन गण मन’ के राष्ट्रीय गान बनने से पहले बिमल रॉय ने इसे 1945 में आई अपनी फ़िल्म ‘हमराही’ में पहली बार पेश किया था समाजवाद से प्रेरित और सिनेमा से सर्वहारा की आवाज़ उठाने वाले बिमल दा पर कमर्शियल यानी व्यावसायिक फ़िल्में बनाने का ज़बरदस्त दवाब था. उनका कमाल…
नवीन कुमार जब लोकतंत्र के रास्ते से एक कमअक्ल, मूर्ख और सनकी आदमी किसी देश की सत्ता पर काबिज हो जाता है तो वही होता है जो अमेरिका में हुआ है। रिपब्लिकन पार्टी की हार से बौखलाए हुए डोनाल्ड ट्रम्प के समर्थक अमेरिका माता की जय बोलकर संसद में घुस गए। सदन के सभापति की…
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