खबरें

*जो संस्कृति आत्मशोधन करती है, वही जीवित रहती है’ – प्रोफेसर आनन्द कुमार

March 23, 2021

संस्कृति हमें दृष्टि देती है, साध्य देती है। सभी धर्म संस्कृति की देन हैं। संस्कृति संस्थाएं देती है, परिवार संस्था, विवाह संस्था। अलग-अलग काल खण्डों, वर्गों में अलग-अलग परम्पराएं देती है। संस्कृति मनुष्यों को आदर्श देती है; आदर्श परिवार, आदर्श व्यक्ति। भाषा-भूषा, धर्म व भोजन और उच्चतर स्तर पर साहित्य, कला, संगीत ये सभी संस्कृति […]

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बंगाल: बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ने से इनकार

March 19, 2021

पश्चिम बंगाल बीजेपी को तब शर्मिंदगी जैसी स्थिति से गुजरना पड़ा जब बीजेपी उम्मीदवार के रूप में घोषित किए गए दो लोगों ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि उनसे सहमति नहीं ली गई। वे दोनों नेता बीजेपी के विरोधी दलों से जुड़े हुए हैं। एक कांग्रस से […]

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‘पूजा स्थल कानून’ के खिलाफ याचिका भारतीय लोकतंत्र से वादाखिलाफी – शशि थरूर

March 17, 2021

पूजा स्थल कानून’ में प्रावधान है कि 15 अगस्त, 1947 तक जहां जिस धर्म के पूजा स्थल हैं, वही रहेंगे मामला यह है कि जिन जगहों पर मस्जिद या इस्लामिक स्मारक बने हुए हैं, उन जगहों पर प्राचीन मंदिरों को फिर से बनाने की मांग करने वाले तीन मुकदमे और एक रिट याचिका दायर किए […]

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कोर्ट ने पूछा- कब शुरू होगा दाभोलकर-पानसरे मामला

March 13, 2021

संजय राय तर्कवादी नरेंद्र दाभोलकर और कामरेड गोविंद पानसरे की हत्या के मामले में चल रही जांच को लेकर एक बार फिर बॉम्बे हाई कोर्ट ने जाँच एजेंसियों को फटकार लगाई है। फरवरी 2020 में भी हाई कोर्ट ने ऐसे ही शब्दों में फटकारा था। लेकिन एक साल में अदालत को जांच प्रक्रिया में कोई […]

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इको फेमिनिज़्म नारीवाद की तीसरी लहर है : प्रोफेसर के. वनजा

March 8, 2021

 8 मार्च 2021 को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में  हिंदी साहित्य परिषद्, हिंदी विभाग, राजधानी कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा ‘इको फेमिनिज़्म’ विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया।गूगल मीट पर आयोजित वेबीनार में यह व्याख्यान  सुप्रसिद्ध आलोचक प्रो. के. वनजा द्वारा दिया गया।      स्वागत व्यक्तव्य देते हुए, कॉलेज के प्राचार्य डॉ. राजेश […]

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राजधानी कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय में व्याख्यान : स्वाधीनता मनुष्य की बुनियादी ज़रूरत है – प्रो. विजय बहादुर सिंह

March 5, 2021

स्वाधीनता ‘स्व’ की चेतना है। स्वाधीनता संग्राम में देश के प्रमुख साहित्यकारों, विचारकों और राजनेताओं की गतिविधियाँ राष्ट्र के ‘स्व’ की तलाश करती हैं और उसी ‘स्व’ के आधार पर स्वतंत्रता के विचार को अमलीजामा पहनाती हैं। राजधानी कॉलेज, हिंदी विभाग की साहित्यिक संस्था ‘हिंदी साहित्य परिषद्’ द्वारा डिजिटल प्लेटफॉर्म पर ‘स्वाधीनता आंदोलन और हिंदी […]

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नई शिक्षा नीति का हो गया है भगवाकरण?

March 4, 2021

नीलू व्यास की रिपोर्ट क्या शिक्षा का भगवाकरण हो गया है? क्या देश की शिक्षा नीति को संघ के सुपुर्द कर दिया गया है? नीलू व्यास की सारगर्भित रिपोर्ट – सौज- सत्यहिन्दी

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हाजी मस्तान ने कभी पिस्टल को हाथ भी नहीं लगाया था!

March 2, 2021

यूं तो मुंबई में कई अंडरवर्ल्ड सरगनाओं ने काम किया है लेकिन उनमें से एक नाम ऐसा है जो मुंबई डॉक में कुली के रूप में अपना करियर शुरू करने के बाद न सिर्फ़ बंबई का चोटी का तस्कर बना बल्कि उसने राजनीति में भी अपना हाथ आज़माया. हम बात कर रहे हैं एक ज़माने […]

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हिन्दू कालेज दिल्ली में वेबिनारः साहित्य को राष्ट्रीयता के दायरे में नहीं बांधा जा सकता – प्रो. सत्यकाम

March 1, 2021

दिल्ली । ‘साहित्य भारतीय भाषाओं में लिखा गया हो या भारतीय भूमि में या भारतीय संवेदनाओं के साथ लिखा गया हो, उसे भारतीय साहित्य के अंतर्गत परिगणित किया जाना चाहिए । भारतीय साहित्य को समझने के लिए भारत को समझना आवश्यक है । भारत एक नक्शा नहीं संस्कृति है अर्थात् भारत को एक भौगोलिक क्षेत्र […]

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व्यवहार और आदतों में अपने पिता जैसा ही था हिटलर

February 28, 2021

जर्मन तानाशाह अडोल्फ हिटलर एक तिरस्कारी और आत्म-मुग्ध व्यक्ति था. यह बात तो सब जानते हैं लेकिन लोगों को शायद ही यह पता होगा कि ये दुर्गुण उसे अपने पिता से विरासत में मिले थे. एक जैसी ही थी बाप-बेटे की आदतें. ऑस्ट्रिया के मशहूर इतिहासकार रोमान सैंडब्रुगेर ने अपनी नई किताब में हिटलर के […]

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