हम मेहनतकश इस दुनिया से जब अपना हिस्सा मांगेगे इक बाग़ नहीं इक खेत नहीं हम सारी दुनिया मांगेंगे ( फैज़) फैज़ साहब की नज़्म आजदिल्ली की सीमाओं पर साकार होती नज़र आ रही है। हाड़ कंपाती ठंड में लगभग डेढ़ माह से दिल्ली सीमा पर अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे किसानों का मोर्चा […]
Read Moreभूपेश बघेल सरकार की दूसरी वर्षगांठ पर पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर द्वारा माता कौशल्या की जन्मभूमि पर विवाद खड़ा करने की कोशिश छत्तीसगढ़ियों की आस्था पर प्रश्न चिन्ह है। ग़ौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में राम जन्मभूमि पर दिए गए फैसले में साफ कहा कि जन्मभूमि करोड़ों लोगों की आस्था से जुड़ा मसला […]
Read Moreफ्रेडरिक एंगेल्स (जन्मतिथिः 28 नवम्बर, 1820) मज़दूर वर्ग और समस्त मानवता की मुक्ति की विचारधारा, वैज्ञानिक कम्युनिज़्म के सिद्धान्त को विकसित करने कार्ल मार्क्स के अनन्य सहयोगी और मित्र थे। आधुनिक सर्वहारा के महान शिक्षकों में कार्ल मार्क्स के बाद उनका ही नाम आता है। मार्क्स की मृत्यु के बाद एंगेल्स अंतिम साँस तक यूरोप […]
Read Moreमेरे पास गांधी की पीतल की एक प्रतिमा है। करीब सवा फिट ऊँची। बहुत पहले मेरे पिता पैंतीस रुपए में खरीद कर लाए थे। कहाँ से, यह मुझे याद नहीं। प्रतिमा तीन सीढ़ियों के ऊपर रखी है। गांधी का ‘बस्ट’ बना है। पीतल पर सारा काम है। गांधी के चादर की सलवटें, गले की झुर्रियाँ, […]
Read Moreसंदीप राउज़ी प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी ने बीते रविवार को अपने 69वें ‘मन की बात’ में शहीदे आज़म भगत सिंह की बहादुरी और साहस का ज़िक्र करते हुए कहा कि “क्या आज कोई कल्पना कर सकता है कि जिस अंग्रेज़ी राज में कभी सूरज नहीं डूबता था, वो 23 साल के नौजवान से भयभीत […]
Read Moreहाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने सुदर्शन न्यूज़ चैनल की मंशा व नीयत पर सवाल उठाते हुए पर ‘यूपीएससी जिहाद’ कार्यक्रम के प्रसारण पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा है, ‘आप एक धर्म विशेष को टारगेट नहीं कर सकते किसी एक विशेष तरीक़े से।’ सुप्रीम कोर्ट में जारी सुनवाई के चलते […]
Read Moreआज हिन्दी दिवस पर पढ़ें प्रभाकर चौबे का पूर्वप्रकाशित लेख ‘बटलर हिन्दी’…. आज हिन्दी भाषा के अखबार ‘बटलर हिन्दी’ लिखे जा रहे हैं और कहते हैं कि यही आज की भाषा है। लगता है मैनेजमेंट उन्हें जनता की भाषा भ्रष्ट करने के लिए ही रखती है। आज हिन्दी अखबार उठा लीजिए। आपको मजेदार ‘बटलर हिन्दी’ […]
Read Moreजस्टिस मार्कंडेय काटजू ऐतिहासिक अनुभव से पता चलता है कि क्रांतियाँ तब होती हैं जब करोड़ों लोग इस निष्कर्ष पर पहुँचते हैं कि किसी भी तरह से अब पुराने तरीक़े से रहना असंभव है। यह स्थिति भारत में तेज़ी से आ रही है। हमारा मीडिया शुतुरमुर्ग की तरह बर्ताव करना जारी रख सकता है, आने […]
Read More5 सितंबर को प्रतिवर्ष शिक्षक दिवस मनाया जाता है। अब शिक्षक दिवस ने राष्ट्रीय त्योहार का रूप ले लिया है। इसे एक तरह से राष्ट्रीय त्योहार का दर्जा मिल गया है। शिक्षक दिवस अब विद्यालयों तक ही सीमित नहीं है। पहले केवल स्कूलों में ही शिक्षक दिवस मनाया जाता था। पहले प्राथमिकता हाई स्कूल […]
Read Moreहाल ही में छत्तीसगढ़ विधान सभा का मानसून सत्र समाप्त हुआ। क्योंकि 6 माह में एक सत्र ज़रूरी होता है अतः पहले ही यह कह दिया गया था कि संवैधानिक बाध्यता और औपचारिकताओं के लिए ही यह सत्र आयोजित किया जा रहा है। चार दिन तक चले सत्र में आपात जरूरतों के बहाने अनूपूरक बजट […]
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