सरोकार

क्या आरएसएस भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी के बिना काम कर सकती है?

March 12, 2021

अजय गुदावर्ती देश की अधिकांश राजनीतिक पार्टियां नवउदारवाद की नीतियों की समर्थक हैं, जो आरएसएस के लिए उपजाऊ ज़मीन तैयार करती है और वह सभी पार्टियों और संस्थाओं को अपने अधिपत्य की कल्पना के भीतर लाना चाहती है। समालोचक, विचारक और एक्टिविस्ट नौम चॉम्स्की ने अमेरिका को एक “कॉर्पोरेट लोकतंत्र” के रूप में संदर्भित किया […]

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खुला पत्र: मीलॉर्ड ये तो सरासर ग़लत है, नहीं चलेगा!

March 3, 2021

भाषा सिंह संभवतः पहली बार देश के मुख्य न्यायाधीश को संबोधित करते हुए एक खुला पत्र देश की महिला संगठनकर्ताओं, नारीवादियों ने लिखा है—जिसमें उनसे सीधे-सीधे यह पूछा गया है कि 1 मार्च 2021 को एक बलात्कार के मामले सुनवाई करते हुए आखिरकार किस तरह से बलात्कार आरोपी के सामने यह सुझाव रखते हैं कि […]

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किसान आंदोलन के नये राग और सरकार की बढ़ती मुश्किलें

March 2, 2021

अनिल शुक्ल कृषि क़ानूनों के विरुद्ध शुरू हुए किसान आंदोलन ने आज़ादी के बाद के तेलंगाना आंदोलन के मज़दूर एकता के तत्वों को भी स्वीकार करना प्रारम्भ कर दिया है। टिकैत के सम्बोधन को इसी रौशनी में देखा जाना चाहिये। निजीकरण और बीजेपी की दूसरी आर्थिक नीतियों के विरोध में श्रमिकों का जिस प्रकार का […]

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राजद्रोह का क़ानूनः सिमटे तो दिले आशिक़ फैले तो ज़माना है

February 27, 2021

अरुण कुमार त्रिपाठी  “आज देश और दुनिया की भलाई इसी में है कि लफ़्ज़े मोहब्बत का दायरा निरंतर फैले और सारे ज़माने को अपने में समेट ले। जबकि राजद्रोह का दायरा निरंतर संकुचित हो…।”जिगर मुरादाबादी से माफ़ी मांगते हुए लफ़्ज़े मोहब्बत के बारे में कही गई उनकी प्रसिद्ध पंक्तियों की विरोधाभासी तुलना राजद्रोह के कानून […]

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शाह की पुलिस के छद्म से उलझता किसान आन्दोलन!

February 26, 2021

विकास नारायण राय किसान आन्दोलन से निपटती या उसे निपटाती अमित शाह की पुलिस के पक्ष में इतना ही कहा जायेगा कि उसने अभी तक गोली न चलाने का संयम दिखाया है। यह केन्द्रीय गृह मंत्री की राजनीतिक विवशता हो तो भी और पुलिस की पेशेवर रणनीति हो तो भी, स्वागत योग्य है। लेकिन कुल […]

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क्या भारत में लोकतंत्र बचेगा?

February 25, 2021

आशुतोष वार्ष्णेय स्टीवन लेवित्स्की और डैनिएल ज़िब्लाट की किताब ‘हाऊ डेमोक्रेसीज़ डाई’ में विस्तार से बताया गया है कि किस तरह लोकतांत्रिक रूप से चुने गए लोग ही लोकतंत्र को अंदर से ध्वस्त कर रहे हैं और वह भी क़ानूनी रूप से। क्या यह बात भारत के परिप्रेक्ष्य में भी प्रासंगिक है? ‘इंडियन एक्सप्रेस‘ में […]

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किसान आंदोलन : मोदी के सर्वज्ञता के मिथक को तोड़ते किसान -प्रभात पटनायक

February 23, 2021

कृषि क़ानूनों को ख़ारिज करने का मतलब यह भी होगा कि भाजपा सरकार को कुछ महत्वपूर्ण नव-उदारवादी क़दमों को वापस लेना होगा।नरेंद्र मोदी सरकार ने पहले तो छोटे उत्पादन क्षेत्र की लाभप्रदता पर खुला हमला बोला जिसमें पहले नोटबंदी की गई, फिर इस क्षेत्र पर असमान जीएसटी लगा दिया, और अब अंत में इसके माध्यम […]

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गांधी और नेहरू मौलाना अबुल कलाम आज़ाद के बारे में क्या कहते थे?

February 22, 2021

अव्यक्त पंडित जवाहरलाल नेहरू ने अपनी किताब ‘डिस्कवरी ऑफ इंडिया’ में मौलाना अबुल कलाम आज़ाद के बारे में काफी विस्तार से लिखा है भारतीय इतिहास के एक महान ‘राष्ट्रवादी’ और देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना आज़ाद के बारे में एक दिलचस्प बात यह है कि उनका जन्म सऊदी अरब के मक्का में हुआ था. […]

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सप्ताह इंटरव्यू – लोकतंत्र की तस्वीर बदल रहा है किसान: जोगिंदर सिंह उग्राहा

February 20, 2021

किसान युनियन के नेता जोगिंदर सिंह उग्राहा ने वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह से की बेबाक बातचीतI उन्होंने बताया कि किस तरह किसान आंदोलन में महिला किसान, खेत-मज़दूर को विशेष भूमिका लाया गया और वे मोदी सरकार को कड़ी चुनौती दे रहे हैं . पूरा इन्टरव्यू समाचार में दी गई लिंक पर सुनें- पूरा इन्टरव्यू नीचे […]

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‘टूलकिट’ क्या है ? जिसके नाम पर लोग देशद्रोही ठहराये जा रहे हैं!

February 16, 2021

पंकज चतुर्वेदी आजकल टूलकिट बहुत चर्चा में है। टूलकिट को आम लोक रिंच और प्लास वगैरह का बक्सा समझते थे जो दोपहिया या चारपहिया जैसी चीजों को ठीक करने के लिए साथ रखा जाता था। लेकिन अब पता चला है कि टूलकिट जैसी चीज़ देशद्रोही हो सकती ही। यूएपीए लग सकता है। दिल्ली पुलिस ग्रेटा […]

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