एक दौर था जब गांधी की आलोचना वामपंथी या क्रान्तिकारी रुझान होने का प्रथम प्रमाण माना जाता था और गांधी से घृणा करना दक्षिणपंथी होने की ज़रूरी शर्त। लम्बे समय तक गांधी व उनके विचारों को लेकर जहां लेफ्ट पार्टियों में वैचारिक असहमति का वातावरण बना रहा और दक्षिणपंथियों के बीच गांधी हमेशा से घृणा और […]
Read More