वे बोले, ”ठीक है। केवल इस बात का ध्यान रखना कि जो कुछ भी लिखो, वह अधिकतर तुम्हारे अपने ही अनुभवों के आधार पर हो। व्यर्थ की कल्पना के चक्कर में कभी न पड़ना।” (शरत के साथ बिताया कुछ समय – अमृतलाल नागर ) एक समय था जब अमृतलाल नागर को हिंदी कथा लेखन का आखिरी मुग़ल […]
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