11 मई -अफसानानिगार सआदत हसन मंटो की जयंती सआदत हसन मंटो, हिंद उपमहाद्वीप के बेमिसाल अफसानानिगार थे। प्रेमचंद के बाद मंटो ही ऐसे दूसरे रचनाकार हैं, जिनकी रचनाएं आज भी पाठकों को ध्यान अपनी ओर खींचती हैं। क्या आम, क्या खास वे सबके हर दिल अजीज हैं। सच बात तो यह है कि मंटो की मौत के आधी […]
Read Moreकौन जानता था कि बचपन में खेला गया छुक छुक गाड़ी का खेल एक दिन सचमुच उनकी रेल बनकर उन्हें घर पहुंचाने का सबब बन जाएगा । यदि सुरक्षित घर पहुंचा ही देता तो भी कम से कम खेल खेलने का लुफ्त आया समझ लेते, मगर रास्ते में यूं डब्बों का बिखर जाना एक उम्मीद […]
Read Moreवह टीले पर बैठा था-चुप और गुमसुम। पैर पेट की ओर मुड़े हुए थे और घुटनों पर कोहनियाँ थीं । अपनी हथेलियों में वह अपना चेहरा थामे था । हथेलियों के बीच काला चेहरा था-ठेठ काला और चेचक के गहरे दागों से भरा । सबसे अधिक दिखती नाक थी- पीछे दबी और सामने को पसरी […]
Read More-10 मई, शायर-गीतकार कैफी आजमी की पुण्यतिथि पर – क़ैफी आज़मी, तरक्कीपसंद तहरीक के अगुआ और उर्दू अदब के अज़ीम शायर थे। तरक्कीपसंद तहरीक को आगे बढ़ाने और उर्दू अदब को आबाद करने में उनका बड़ा योगदान है। वे इंसान-इंसान के बीच समानता और भाईचारे के बड़े हामी थे। उन्होंने अपने अदब के जरिए इंसान […]
Read Moreहमारी दुनिया पर कोरोना वायरस के हमले के बाद सभी को उम्मीद थी कि इस अदृश्य शत्रु से लडाई हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता होगी और इस लडाई को नस्ल, धर्म आदि की दीवारों से ऊपर उठ कर लड़ा जायेगा. परन्तु यह दुखद है कि भारत में स्थितियां इतनी बदतर हो गईं कि संयुक्त राष्ट्रसंघ तक को […]
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