गांधी को मारने वाले गोडसे की चाहे जितनी मूर्तियां बना लें, वे गोडसे में प्राण नहीं फूंक सकते. गांधी को वे चाहे जितनी गोलियां मारें, गांधी अब भी सांस लेते हैं एनसीईआरटी के प्रमुख रहे सुख्यात शिक्षाशास्त्री कृष्ण कुमार ने अपनी किताब ‘शांति का समर’ में एक बहुत ही महत्वपूर्ण सवाल उठाया है- राजघाट ही […]
Read Moreशम्शुल इस्लाम सारे विश्व को कुनबा मानने वाले हमारे देश के कर्णधार इन मज़दूरों को जिन में से बहुत बड़ी तादाद दलितों, पिछड़ी जातियों और अल्पसंखयकों की है ”प्रवासी” कहकर सिर्फ इन का अपमान ही नहीं कर रहे हैं बल्कि अपनी नस्लवादी सोच को ही ज़ाहिर कर रहे हैं। यह अजीब बात है की जब […]
Read Moreहरजिंदर भगिनी निवेदिता मूल रूप से आयरलैंड की नागरिक थीं और वहां उनका नाम था – मार्गरेट एलिजाबेथ नोबेल। स्वामी विवेकानंद से प्रभावित होकर वह भारत आईं और रामकृष्ण मिशन में शामिल हो गईं, जहां पर उन्हें निवेदिता नाम दिया गया। स्वामी विवेकानंद ने प्लेग के प्रति जागरुकता के लिए बांग्ला और हिंदी में प्लेग […]
Read More