अंतोन पावलेविच चेखव (1860-1904) – रूसी कथाकार और नाटककार अंतोन पावलेविच चेखव विश्व के सबसे महत्वपूर्ण लेखकों में से एक हैं। चेखव के लेखन में अपने समय का जैसा गहन और मार्मिक वर्णन मिलता है। चेखव की संवेदना में मानवीयता का तत्व इतना गहरा है कि वे बहुत त्रासद स्थितियों में भी सूरज की थोड़ी सी […]
Read Moreबात 1994 की है, जब इसरो जासूसी केस शुरू हुआ था। जिस तरह से पूरे मामले पर क्षेत्रीय मीडिया कवरेज कर रहा था, ऐसा लग रहा था कि सब कुछ बिना सोचे-समझे लिखा जा रहा है। वे इस केस को लेकर एक उपन्यास की तरह रिपोर्टिंग कर रहे थे। जिस पागलपन तक वह सोच सकते […]
Read Moreगीता हरिहरन 2019 के लोकसभा चुनाव नतीजों ने हिंदू सर्वोच्चतावादियों को मनमर्ज़ी करने का दुस्साहस दिया है। 5 सितंबर, 2017 को गौरी लंकेश की बेंगलुरू स्थित उनके घर में हत्या कर दी गई थी। आखिर क्यों? इसका केवल एक ही जवाब नज़र आता है: उन्हें इसलिए मारा गया क्योंकि उन्होंने पत्रकार और एक सामाजिक कार्यकर्ता […]
Read Moreनिराला महात्मा गांधी के प्रिय रहे भवानी दयाल सन्यासी ने हिंदी का दायरा दुनिया में फैलाने में अहम योगदान दिया था सन्यासी दक्षिण अफ्रीकी देशों में रहनेवाले भारतीयों के सबसे विश्वसनीय और लोकप्रिय दूत थे. वे महात्मा गांधी के प्रिय लोगों में से एक भी रहे और इन सबसे बड़ी पहचान उनकी हिंदी के अनन्य […]
Read Moreमुक्तिबोध ने कहा था कि ज़िंदगी मुश्किल है लेकिन इतनी मीठी कि जी चाहता है, एक घूंट में पी जाएं. उनका यह वाक्य ही उन्हें समझने के लिए दिए का काम कर सकता है. मुक्तिबोध का ज़िक्र आते ही ‘अंधेरे में’ की याद आती है. इस वजह से अंधेरापन मुक्तिबोध को परिभाषित करने वाले प्रत्यय […]
Read More