रमाशंकर सिंह जो इश्क़ करते हैं, बेड़ियों को तोड़ना चाहते हैं, दुनिया को बदलना चाहते हैं, उन्हें आज भी फ़ैज़ की ज़रूरत है. गुलों में रंग भरे बाद-ए-नौबहार चलेचले भी आओ कि गुलशन का कारोबार चले क़फ़स उदास है, यारो सबा से कुछ तो कहोकहीं तो बहर-ए-ख़ुदा आज ज़िक्र-ए-यार चले कभी तो सुब्ह तेरे कुंज-ए-लब […]
Read Moreबड़ी उम्मीद बिहार के हर नागरिक को चुनाव के बाद सत्ता में आने वाली हर सरकार से सिर्फ एक ही उम्मीद होती है कि वह अपनी तमाम ऊर्जा के साथ राज्य के हित में अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पर ध्यान दे। बिहार की धरती के लोगों को शासन चलाने वाले अपने लोगों से बहुत समर्पण की […]
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