राकेश की ज़िंदगी एक खुली किताब रही है. उसने जो कुछ लिखा और किया – वह दुनिया को मालूम है. लेकिन उसने जो कुछ जिया – यह सिर्फ़ उसे मालूम था ! अपनी सांसों की कहानी उसने डायरियों में दर्ज की है.राकेश की ये डायरियां – उसकी अपनी रिपोर्टें हैं, जो उसने अपने लिए तैयार […]
Read Moreआजकल हर पैट्रीअट शांतिनिकेतन की दौड़ लगा रहा है। कुछ नारदवृत्तिधारी इस तीर्थयात्रा में भी सांसारिक प्रयोजन सूंघ रहे हैं। सांसारिक कारण से ही सही, अगर कोई पवित्रता का स्पर्श पा ले तो क्या बुरा! लेकिन शांतिनिकेतन के ऋषि ने तो कहा था कि ‘पैट्रीअटिज़्म हमारा अंतिम आध्यात्मिक आवास नहीं हो सकता। वर्षारंभ पर एक […]
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