पंजाब विश्वविद्यालय के 35 छात्रों द्वारा सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक पत्र याचिका दायर की गई है जिसमें कथित तौर पर पुलिस की ज्यादती और दिल्ली सीमाओं के पास प्रदर्शनकारी किसानों की अवैध हिरासत की जांच की मांग की गई है। छात्रों द्वारा लिखे गए एक पत्र में, यह आरोप लगाया गया है कि भारत […]
Read Moreराकेश की ज़िंदगी एक खुली किताब रही है. उसने जो कुछ लिखा और किया – वह दुनिया को मालूम है. लेकिन उसने जो कुछ जिया – यह सिर्फ़ उसे मालूम था ! अपनी सांसों की कहानी उसने डायरियों में दर्ज की है.राकेश की ये डायरियां – उसकी अपनी रिपोर्टें हैं, जो उसने अपने लिए तैयार […]
Read Moreआजकल हर पैट्रीअट शांतिनिकेतन की दौड़ लगा रहा है। कुछ नारदवृत्तिधारी इस तीर्थयात्रा में भी सांसारिक प्रयोजन सूंघ रहे हैं। सांसारिक कारण से ही सही, अगर कोई पवित्रता का स्पर्श पा ले तो क्या बुरा! लेकिन शांतिनिकेतन के ऋषि ने तो कहा था कि ‘पैट्रीअटिज़्म हमारा अंतिम आध्यात्मिक आवास नहीं हो सकता। वर्षारंभ पर एक […]
Read Moreसोमवार को किसानों की सरकार के साथ 7वें दौर की बैठक होगी। बातचीत के लिए सौहार्दपूर्ण माहौल बनाने की कोशिश के बीच रविवार देर शाम को हरियाणा में किसानों पर आँसू गैस के गोले छोड़े गए हैं। उसमें शामिल अधिकतर किसान राजस्थान से थे। अगर मांगे नहीं मानी गईँ तो 13 जनवरी को नए कृषि कानूनों […]
Read Moreमुकेश कुमार स्वतंत्रता, समानता और न्याय पर लगातार प्रहार होने के बावजूद कोई सार्थक हस्तक्षेप कहीं से होता नहीं दिख रहा है। इस साल ये चिंताएं बढ़ गई हैं कि कहीं दुनिया एक बर्बर भविष्य में तो दाखिल नहीं हो रही है। यह बर्बरता बहुराष्ट्रीय कंपनियों की अदम्य भूख का नतीजा है क्योंकि वे अपनी […]
Read Moreउर्दू की प्रगतिशील धारा के कवियों में जनाब वामिक़ जौनपुरी एक रौशन मीनार की तरह दीप्तिमान हैं. वामिक जौनपुरी के ख़्वाब के तजुर्बे बहुत दिलचस्प भी हुआ करते. उन्होंने कई ऐसे ख़्वाबों के बारे में लिखा है जो हर रोज़ रात को वहाँ से शुरू होते, जहाँ सुबह आँख खुलने पर छूट गए थे. उनकी मशहूर […]
Read Moreमीडिया को जातिवाद और सांप्रदायिकता जैसी सामंती ताकतों पर हमला करना चाहिए, धार्मिक कट्टरता की निंदा करनी चाहिए और हमारे समाज का ध्रुवीकरण करने के प्रयास का जमकर विरोध करना चाहिए। मीडिया को लोगों में वैज्ञानिक सोच-विचारों, सामाजिक सद्भाव और एकता को बढ़ावा देना चाहिए और लोगों के सामने वास्तविक मुद्दों से ध्यान हटाने के […]
Read Moreरविकान्त भीमा कोरेगांव में महारों के शौर्य के 200वें जलसे के दौरान हुई हिंसा के बहाने हिंदुत्ववादी ताकतें मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और बुद्धिजीवियों का दमन करने पर उतारू हैं। पूरी दुनिया के साहित्यकारों और बुद्धिजीवियों ने इन मानवाधिकार कार्यकर्ताओं पर जेल में होने वाली क्रूरता की निंदा की है। लेकिन दमन का सिलसिला थम नहीं रहा […]
Read Moreविलिए दि ल’आइल-एदम. ( 7 नवंबर 1838 – 19 अगस्त 1889) फ्रेंच. लेखक । कहानी, उपन्यास एवं नाटक की रचना । सूरज डूब चुका था। सारागोसा का वयोवृद्ध धर्माधिकारी पेड्रो अर्बुएज डि’एस्पिला अँधेरी सीढ़ियों से उतर रहा था। उसके पीछे-पीछे एक जल्लाद और आगे-आगे लालटेनें लिए हुए दो सेवक चल रहे थे। वह एक गुप्त […]
Read Moreशुभांगी मिश्रा गुलज़ार ने अपनी नई किताब ‘ अ पोएम अ डे ‘ के बारे में बात की, जो भारत की 34 भाषाओं में 279 कवियों द्वारा 365 कविताओं का एक संकलन है.कवि और लेखक गुलजार का कहना है कि मौजूदा राजनीतिक माहौल में अभिव्यक्ति की आजादी पर पाबंदियां बढ़ गई हैं. गुलजार ने कहा […]
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