Author: admin

किसानों पर पुलिस अत्याचार के खिलाफ पंजाब यूनिवर्सिटी के छात्रों की याचिका

January 5, 2021

पंजाब विश्वविद्यालय के 35 छात्रों द्वारा सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक पत्र याचिका दायर की गई है जिसमें कथित तौर पर पुलिस की ज्यादती और दिल्ली सीमाओं के पास प्रदर्शनकारी किसानों की अवैध हिरासत की जांच की मांग की गई है। छात्रों द्वारा लिखे गए एक पत्र में, यह आरोप लगाया गया है कि भारत […]

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मोहन राकेशः एक लेखक का अपना रेगिस्तान – कमलेश्वर

January 4, 2021

राकेश की ज़िंदगी एक खुली किताब रही है. उसने जो कुछ लिखा और किया – वह दुनिया को मालूम है. लेकिन उसने जो कुछ जिया – यह सिर्फ़ उसे मालूम था ! अपनी सांसों की कहानी उसने डायरियों में दर्ज की है.राकेश की ये डायरियां – उसकी अपनी रिपोर्टें हैं, जो उसने अपने लिए तैयार […]

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हिंदू ‘ऑटोमैटिक पैट्रीअट’ तो सिख, ईसाई, मुसलिम क्या हैं? – अपूर्वानंद

January 4, 2021

आजकल हर पैट्रीअट शांतिनिकेतन की दौड़ लगा रहा है। कुछ नारदवृत्तिधारी इस तीर्थयात्रा में भी सांसारिक प्रयोजन सूंघ रहे हैं। सांसारिक कारण से ही सही, अगर कोई पवित्रता का स्पर्श पा ले तो क्या बुरा! लेकिन शांतिनिकेतन के ऋषि ने तो कहा था कि ‘पैट्रीअटिज़्म हमारा अंतिम आध्यात्मिक आवास नहीं हो सकता। वर्षारंभ पर एक […]

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बातचीत से पहले हरियाणा में किसानों पर आँसू गैस,चर्चा विफल तो लोहड़ी पर जलाएंगे कृषि कानूनों की कॉपी

January 3, 2021

सोमवार को किसानों की सरकार के साथ 7वें दौर की बैठक होगी। बातचीत के लिए सौहार्दपूर्ण माहौल बनाने की कोशिश के बीच रविवार देर शाम को हरियाणा में किसानों पर आँसू गैस के गोले छोड़े गए हैं। उसमें शामिल अधिकतर किसान राजस्थान से थे। अगर मांगे नहीं मानी गईँ तो 13 जनवरी को नए कृषि कानूनों […]

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2020 : राष्ट्रोन्माद, निरंकुश प्रवृत्तियों के मज़बूत होने का साल

January 3, 2021

मुकेश कुमार स्वतंत्रता, समानता और न्याय पर लगातार प्रहार होने के बावजूद कोई सार्थक हस्तक्षेप कहीं से होता नहीं दिख रहा है। इस साल ये चिंताएं बढ़ गई हैं कि कहीं दुनिया एक बर्बर भविष्य में तो दाखिल नहीं हो रही है। यह बर्बरता बहुराष्ट्रीय कंपनियों की अदम्य भूख का नतीजा है क्योंकि वे अपनी […]

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वामिक़ जौनपुरीः भूका बंगाल नज़्म होने से पहले का वह ख़ौफ़नाक ख़्वाब

January 2, 2021

उर्दू की प्रगतिशील धारा के कवियों में जनाब वामिक़ जौनपुरी एक रौशन मीनार की तरह दीप्तिमान हैं. वामिक जौनपुरी के ख़्वाब के तजुर्बे बहुत दिलचस्प भी हुआ करते. उन्होंने कई ऐसे ख़्वाबों के बारे में लिखा है जो हर रोज़ रात को वहाँ से शुरू होते, जहाँ सुबह आँख खुलने पर छूट गए थे. उनकी मशहूर […]

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क्यों और कैसे सरकार का भोंपू बन गया मीडिया? – जस्टिस मार्कंडेय काटजू

January 2, 2021

मीडिया को जातिवाद और सांप्रदायिकता जैसी सामंती ताकतों पर हमला करना चाहिए, धार्मिक कट्टरता की निंदा करनी चाहिए और हमारे समाज का ध्रुवीकरण करने के प्रयास का जमकर विरोध करना चाहिए। मीडिया को लोगों में वैज्ञानिक सोच-विचारों, सामाजिक सद्भाव और एकता को बढ़ावा देना चाहिए और लोगों के सामने वास्तविक मुद्दों से ध्यान हटाने के […]

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भीमा कोरेगाँव: क्या दलित नए मिथक गढ़ेगा?

January 2, 2021

रविकान्त भीमा कोरेगांव में महारों के शौर्य के 200वें जलसे के दौरान हुई हिंसा के बहाने हिंदुत्ववादी ताकतें मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और बुद्धिजीवियों का दमन करने पर उतारू हैं। पूरी दुनिया के साहित्यकारों और बुद्धिजीवियों ने इन मानवाधिकार कार्यकर्ताओं पर जेल में होने वाली क्रूरता की निंदा की है। लेकिन दमन का सिलसिला थम नहीं रहा […]

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कहानीः आशा की यातना – विलिए दि ल’आइल-एदम

December 31, 2020

विलिए दि ल’आइल-एदम.    ( 7 नवंबर 1838 – 19 अगस्त 1889)   फ्रेंच. लेखक ।  कहानी, उपन्यास एवं नाटक की रचना । सूरज डूब चुका था। सारागोसा का वयोवृद्ध धर्माधिकारी पेड्रो अर्बुएज डि’एस्पिला अँधेरी सीढ़ियों से उतर रहा था। उसके पीछे-पीछे एक जल्लाद और आगे-आगे लालटेनें लिए हुए दो सेवक चल रहे थे। वह एक गुप्त […]

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‘हर चीज इडियट-प्रूफ बनानी पड़ती है’—गुलजार ने कहा अब कला पर भय का माहौल हावी है

December 31, 2020

शुभांगी मिश्रा गुलज़ार ने अपनी नई किताब ‘ अ पोएम अ डे ‘ के बारे में बात की, जो भारत की 34 भाषाओं में 279 कवियों द्वारा 365 कविताओं का एक संकलन है.कवि और लेखक गुलजार का कहना है कि मौजूदा राजनीतिक माहौल में अभिव्यक्ति की आजादी पर पाबंदियां बढ़ गई हैं. गुलजार ने कहा […]

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