दिल्ली की तीन सीमाओं पर और बुराड़ी के निरंकारी मैदान में आंदोलन कर रहे किसानों के दबाव में केंद्र सरकार आखिरकार झुक गई। केंद्र सरकार ने आखिरकार वार्ता के लिए आज किसान संगठनों के प्रतिनिधियों को समय दे दिया है। दिल्ली के विज्ञान भवन में यह बातचीत दिन में 3 बजे रखी गयी है। कृषि […]
Read Moreअभय शर्मा यह चुनाव इस हफ्ते तब और सुर्ख़ियों में आ गया, जब गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी यहां प्रचार के लिए पहुंच गए. ऐसे में यह सवाल खड़ा होता है कि तेलंगाना का एक छोटा सा नगर निगम चुनाव भाजपा के लिए आख़िर इतना महत्वपूर्ण क्यों हो […]
Read Moreमुकेश कुमार सरकार की रणनीति ये दिख रही है कि एक तो किसान आंदोलन को बदनाम करने का अभियान चलाकर उसे कमज़ोर किया जाए। वह उसे खालिस्तान प्रायोजित या राजनीति प्रेरित घोषित करके उसकी लोकप्रियता और प्रभाव को कम करने की कोशिश कर रही है ताकि आगे चलकर ताक़त का इस्तेमाल करके उससे निपट सके। […]
Read Moreपिछले लगभग तीन दशकों से समय-समय पर कहा जाता रहा है कि कांग्रेस और भाजपा एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. इसी धारणा के चलते तीसरे मोर्चे की आवश्यकता महसूस की गई. तीसरे मोर्चा से आशय है गैर-भाजपा और गैर-कांग्रेस दलों का गठबंधन. पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और वामपंथी दलों ने पिछला विधानसभा चुनाव […]
Read Moreहरीश मानव केंद्र के तीन कृषि कानूनों के विरोध में पांच दिन से दिल्ली की सीमाआें पर डटे आंदोलनकारी किसान अब बड़े सुनियोजित ढंग से अपने हकों की लड़ाई को आगे बढ़ाने जा रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन के बैनर के लिए 100 से अधिक किसान संगठनों ने सड़क पर ही बकाया अपना प्रोटेस्ट सेक्रेट्रिएट […]
Read Moreकिसानों के नेताओं ने खुलेआम घोषणा भी कर दी और कुल पांच फैसले लिए। पहला, किसानों ने अमित शाह के प्रस्ताव को अस्वीकार किया। दूसरा, किसान सड़क पर ही डटे रहेंगे। उन्होंने बुराड़ी मैदान को जेलखाना बताया है। दिल्ली के सभी पांच मुख्य रास्ते बंद करने का एलान किया है। इसके अलावा किसानों ने देश […]
Read Moreतनवीर जाफ़री देश का अन्नदाता इन दिनों अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ने के लिए शीत ऋतु में भी अपना घर-बार छोड़ कर सड़कों पर उतर आया है। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि क़ानूनों को सही व किसान हितैषी ठहराते हुए बार-बार एक ही बात दोहराई जा रही है कि ये क़ानून किसानों के हित में […]
Read Moreराष्ट्र का अर्थ है नितांत भिन्न प्रकृति के लोगों की एक दूसरे के प्रति ज़िम्मेवारी की भावना का दृढ़ होना और भिन्न पहचानों के साथ और उनके बावजूद सहभागिता का निर्माण। लेकिन अगर एक बिहारी बंगाली की तकलीफ़ नहीं समझ सकता या एक हिंदू एक मुसलमान का दर्द नहीं साझा कर सकता और एक सिख […]
Read Moreभावना विज-अरोड़ा से ओवैसी की बातचीत- हाल में बिहार विधानसभा चुनावों में पांच सीटें जीतने के बाद सुर्खियों में छाए 51 वर्षीय असदुद्दीन ओवैसी की राजनीति के बारे में कुछ भी लुकाछिपा नहीं है। हमेशा सुर्खियों में रहने को आतुर, हैदराबाद से चार बार के सांसद भावना विज अरोड़ा से कहते हैं कि इफ्तार पार्टियां करने, मौलानाओं का सम्मान करने […]
Read Moreऑगस्ट स्ट्रिंडबर्ग ( 22 जनवरी 1849 – 14 मई 1912 ) ऑगस्ट स्ट्रिंडबर्ग को स्वीडिश उपन्यास का जनक माना जाता है। अनेक चर्चित नाटक, उपन्यास, कहानियों के साथ ही निबंध एवं आलोचना के क्षेत्र में भी प्रतिष्ठित रहे । आज पढ़ें उनकी कहानी- पुर्जा – सामान की आखिरी खेप जा चुकी थी। किराएदार, क्रेपबैंड हैटवाला जवान […]
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