मनोरंजन

‘मेरी दादी छोटी जाति से थी, इसलिए आज तक समाज ने हमें नहीं अपनाया’-नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी

October 9, 2020

उनलोगों के ये फर्क नहीं पड़ता कि आप बॉलीवुड एक्टर हैं या धनपति? उन्हें जातियों से मतलब है. अभिनेता ने कहा, “आज भी हम चाहें कि जो हमारे ममेरे रिश्तेदार हैं, उनकी शादी पैतृक रिश्तेदारों में कराऊं तो ये संभव नहीं है.” बॉलीवुड अभिनेता नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी  ने समाज में फैली जाति की जकड़बंदी को तोड़ने की […]

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लोकप्रिय आध्यात्मिकता की आड़ में पूंजी, सियासत और जाति-अपराधों के विमर्श का ‘आश्रम’

October 4, 2020

जैनबहादुर फिल्मों के माध्यम से समाज में प्रचलित कई प्रकार के सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, राजनीतिक मुद्दों और विमर्शों को भी दिखाया जाता है, भले ही वे आधे-अधूरे, सत्य-असत्य, उचित-अनुचित के घालमेल से लबरेज़ हों। आजकल वेब सिरीज़ के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर से लेकर स्थानीय राजनीति, सामाजिक मुद्दों और विमर्शों पर फ़िल्म बनायी जा रही […]

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राजा रवि वर्मा न होते तो हमारे देवी-देवता होते जरूर, पर कैसे होते कहना मुश्किल है

October 2, 2020

चंदन शर्मा राजा रवि वर्मा ऐसे पहले चित्रकार थे जिन्होंने हिंदू देवी-देवताओं को आम इंसान जैसा दिखाया. आज हम फोटो, पोस्टर, कैलेंडर आदि में सरस्वती, लक्ष्मी, दुर्गा, राधा या कृष्ण की जो तस्वीरें देखते हैं वे ज्यादातर राजा रवि वर्मा की कल्पनाशक्ति की ही उपज हैं. उनके सबसे मशहूर चित्रों में ‘सरस्वती’ और ‘लक्ष्मी’ के […]

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मजरूह सुल्तानपुरी : जिनके गाने सहगल ने गाए और सलमान ने भी

October 1, 2020

कविता मशहूर शायर मजरूह सुल्तानपुरी हिंदी फिल्म उद्योग में सबसे लंबे समय तक सक्रिय रहे गीतकार भी थे बतौर गीतकार मजरूह सुल्तानपुरी से जुड़ी एक बेहद खास बात यह है कि उनका सफर तो नौशाद-कारदार-सहगल के जमाने से शुरू हुआ था लेकिन उन्होंने बीते दशक के कुछ जाने माने संगीतकारों जैसे अनु मलिक, जतिन ललित […]

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‘लता जी का गाना भीतर से निकली हुई इबादत की तरह है’ – गुलज़ार

September 28, 2020

लता मंगेशकर के गाने को सुनकर ऐसा नहीं कह सकते कि ‘अरे यार, क्या कमाल का गाती हैं.’ उनके संगीत के लिए इज्जत की भावना अपने-आप मन में उठती हैउन्होंने अरेबियन नाइट्स की कहानियों की तरह आवाज का ऐसा जादुई कालीन अपने गीतों के बहाने बिछाया हुआ है जिस पर पिछले पचास-साठ साल से न […]

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सलिल चौधरी ने कहा था कि भगवान भी अगर गाता तो हेमंत कुमार की आवाज़ में गाता

September 26, 2020

अनुराग भारद्वाज अपने संगीत में आधुनिक ऑर्केस्ट्रेशन और हमिंग के प्रभाव से हेमंत कुमार ने एक से एक शानदार गाने बनाए और गाएहेमंत दा ने शानदार संगीत दिया और कमाल के गाने गाये. उनकी आवाज़ इतनी ज़बरदस्त थी कि सीधे सुनने वाले सीधे से गीत के भाव से कनेक्ट हो जाया करते. संगीतकार सलिल चौधरी […]

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सक्रिय राजनीति में भी देव आनंद ने खुद को अपने समकालीन अभिनेताओं से कहीं आगे साबित किया था.

September 26, 2020

पवन वर्मा आपातकाल के बाद देव आनंद ने हिंदी फिल्म जगत के कई दिग्गजों के साथ मिलकर एक राजनीतिक पार्टी का गठन किया था.यह 1979 की बात है जब देव आनंद ने संजीव कुमार, धर्मेंद्र, शत्रुघ्न सिन्हा और हेमा मालिनी सहित फिल्म उद्योग के कुछ और दिग्गज लोगों को साथ लेकर एक राजनीतिक पार्टी बनाने […]

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ओटीटी प्लैटफॉर्म्स पर हाल में चल रही लोकप्रिय फिल्में और वेब सीरीज़

September 24, 2020

ओटीटी प्लैटफॉर्म्स पर कुछ फ़िल्में और वेब सीरीज लोकप्रिय हो हो रही हैं, एरोस नाउ पर सचिन खेड़कर और बरुण सोब्ती की फ़िल्म हलाहल ,वूट स्पेशल पर सकीब सलीम और इकबाल खान की वेब सीरीज क्रैकडाउन जारी है. अमेजन प्राइम वीडियो पर 25 को आ रही है यूटोपिया और नेटफ्लिक्स पर 2 अक्टूबर को आ […]

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ख़ुमार बाराबंकवी : ऐसा शायर जो बाकी शायरों को कलम तोड़ने पर मजबूर कर दे

September 21, 2020

अनुराग भारद्वाज ख़ुमार बाराबंकवी जिस भी महफिल में होते वह उनके नाम हो जाती. ‘खुमार, आपका तखल्लुस गलत है. सुरूर होना चाहिए था.’ कुछ हस्तियां ऐसी होती हैं जिनकी शोहरत उनसे कुछ कदम आगे चलती है. ख़ुमार बाराबंकवी या साहिर लुधयानवी ऐसे ही शायर थे. दोनों के फ़िल्म इंडस्ट्री पहुंचने से पहले उनकी शोहरत वहां […]

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दिनेश ठाकुर : थियेटर जिनकी सांसों में बसता था

September 20, 2020

 —जाहिद खान  हिंदी रंगमंच में दिनेश ठाकुर की पहचान शीर्षस्थ रंगकर्मी, अभिनेता और नाट्य ग्रुप ‘अंक’ के संस्थापक, निर्देशक के तौर पर है। दिनेश ठाकुर के नाट्य ग्रुप ‘अंक’ का सफर साल 1976 में शुरू हुआ था, जो उनके इस दुनिया से जाने के आठ साल बाद भी जारी है। रंगमंच हो, टेलीविजन या फिर […]

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