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Year: 2020

सुखबीर सिंह बादल ने कहा, ‘पहले हिंदू-मुसलमान और अब हिंदू-सिखों के बीच बंटवारे की कोशिश कर रही भाजपा’

सुखबीर सिंह बादल ने भाजपा को करारा जवाब देते हुए कहा, ‘अफ़सोस इस बात का है कि देश के एक सूबे को धर्म के आधार पर बांटने की कोशिश की गई है। ‘पहले हिंदू-मुसलमानों के रिश्ते टुकड़े-टुकड़े किए औरअब हिंदू सिखों के बीच बंटवारे की कोशिश कर रही है। जो उनकी सरकार के साथ होता…

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कृषि पर कॉर्पोरेट कब्ज़ा संवैधानिक अधिकारों और लोकतंत्र के निगमीकरण की शुरुआत है

प्रो. अमित भादुड़ी पलासी की निर्णायक लड़ाई में, जिसके बाद ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत में अपने पैर जमा लिए और अपना शासन कायम कर लिया, हार लड़ाई के मैदान में नहीं बल्कि एक सेनापति की दगाबाजी के कारण हुई। इसी तर्ज पर एक अफ्रीकी कहावत में चेतावनी भी है, “शेर की अगुवाई में भेड़…

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पटेल की मूर्ति लगवाई तो किसानों की सुनते क्यों नहीं?

रविकान्त दो बड़े सफल किसान आंदोलन का नेतृत्व करने वाले सरदार पटेल को पूजने और उनकी विरासत पर दावा करने वाले आज सत्ता में हैं। सरदार पटेल और महात्मा गांधी की ज़मीन गुजरात से आने वाले प्रधानमंत्री और गृह मंत्री किसानों के आंदोलन पर खामोश हैं। किसानों के प्रति सरकार की संवेदनहीनता और बेरहमी ब्रिटिश…

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कोरोना काल में जहां करोड़ों बेहाल वहीं अरबपतियों की जायदाद 35 प्रतिशत बढ़ी

जब खुद सरकार ने माना कि कि भारत में कोरोना काल में  सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि दर शून्य से 10 प्रतिशत नीचे चली गई और करोड़ों लोगों की नौकरी चली गई,  तब क्या आप इस पर यक़ीन करेंगे कि देश के चुनिंदा अरबपतियों की संपत्ति में 35 प्रतिशत की बढोतरी हुई और उनकी कुल जायदाद बढ़ कर 423…

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पटेल को थी नेहरू के अकेले पड़ जाने की चिंता

प्रीति सिंह स्वतंत्रता आंदोलन में महात्मा गाँधी, जवाहरलाल नेहरू और सरदार वल्लभभाई पटेल की तिकड़ी क़रीब 30 साल तक बनी रही। महात्मा गाँधी स्वतंत्र भारत की सत्ता के भागीदार नहीं बने, लेकिन नेहरू और पटेल ने सरकार में पहले और दूसरे स्थान पर बैठकर दो वर्ष तक साथ-साथ सत्ता चलाई थी। दोनों के बीच वैचारिक टकराव की…

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भविष्य में किसानों के विरोध से कैसे बच सकती है मोदी सरकार, सुधार से पहले परामर्श बेहतर उपाय

इला पटनायक – राधिका पांडेय  परामर्श और भागीदारी की प्रक्रिया के ज़रिए बदलाव किए जाने पर लोग बगैर टकराव के नए विचारों के अभ्यस्त हो सकते हैं. बुरे प्रस्तावों को छोड़ा जा सकता है जबकि अच्छे को बेहतर बनाया जा सकता है. ये विडंबना ही है कि किसानों के फायदे के लिए कृषि बाज़ार व्यवस्था में उदारीकरण…

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योगी बनाम मोदी की शुरुआत हो चुकी है और यह 2024 से पहले दिलचस्प हो जाएगा

ज़ैनब सिकंदर सीडीएस जनरल बिपिन रावत नौसेना दिवस समारोह को छोड़कर योगी आदित्यनाथ के गोरखनाथ मठ से जुड़ी संस्था के कार्यक्रम में भाग लेने चले गए, अमित शाह राम मंदिर भूमि पूजन में शामिल नहीं हुए… ये घटनाएं बहुत कुछ कहती हैं. देश जबकि अभी कोरोना महामारी से जूझ रहा है, अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2021…

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राजस्थान शहरी निकाय चुनावः कॉग्रेस ने लहराया परचम , निर्दलीयों से भी पीछे रही भाजपा

राजस्थान में शहरी निकाय में कांग्रेस का प्रदर्शन शानदार रहा जबकि भाजपा को निर्दलियों के बाद तीसरे स्तान पर रहना पड़ा, इसको मीडिया में कोई चर्चा नहीं है जबकि पंचायत चुनाव में कॉंग्रेस के ख़राब प्रदशर्न पर ख़ूब स्पेस दिया और ट्रैंड किया या यूं कहें कि मीडिया के एक वर्ग द्वारा उसे जानबूझकर ख़ूब…

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किसान आंदोलन 19 वां दिनः देश भर में किसान भूख हड़ताल पर, कई हाईवे जाम

नए कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों ने अपने आंदोलन को और तेज कर दिया है । सरकार पर दबाव बढ़ाने के लिए किसान सुबह आठ बजे से भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। ये हड़ताल शाम पांच बजे तक रहेगी। देश भर में किसान और उनके समर्थन में हजारों लोग भीख हड़ताल पर…

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‘तीसरी कसम की नाकामी से नहीं टूटे थे शैलेंद्र’

प्रदीप कुमार   ढेर सारे नगमे देकर सिर्फ़ 43 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कहने वाले शैलेंद्र को पचास साल से ज्यादा हो गए मगर आज भी उनके गाने लोगों की ज़बान पर हैं.प्रगतिशील नज़रिए के चलते शैलेंद्र इप्टा और प्रगतिशील लेखक संघ से जुड़ गए. 1947 में जब देश आज़ादी के जश्न…

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