Day: April 17, 2020

हे विदूषक तुम मेरे प्रिय 2- प्रभाकर चौबे

April 17, 2020

सुप्रसिद्ध साहित्यकार,प्रतिष्ठित व्यंग्यकार व संपादक रहे श्री प्रभाकर चौबे लगभग 6 दशकों तक अपनी लेखनी से लोकशिक्षण का कार्य करते रहे । उनके व्यंग्य लेखन का ,उनके व्यंग्य उपन्यास, उपन्यास, कविताओं एवं ससामयिक विषयों पर लिखे गए लेखों के संकलन बहुत कम ही प्रकाशित हो पाए । हमारी कोशिश जारी है कि हम उनके समग्र […]

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लोग हैं कि मानते ही नहीं , उमड़ पड़ती है भीड़- जीवेश चौबे

April 17, 2020

प्रशासन परेशान है कि अचानक बाज़ारों में भीड़ उमड़ आती है और शारिरिक हो या सामाजिक किसी भी दूरी का पालन नहीं हो पाता । लोग हैं कि मानते ही नहीं । एक तो वैसे ही लोग कुछ न कुछ बहाने से लॉक डॉउन का उल्लंघन कर सड़कों पर घूमते रहते हैं ऊपर से अगर […]

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