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Month: September 2020

मुल्क राज आनंद : जिन्हें अंग्रेजी भाषा का प्रेमचंद भी कहा जा सकता है

अनुराग भारद्वाज मुल्क राज आनंद पहले अंग्रेज़ी लेखक भी कहे जा सकते हैं जिन्होंने अपनी रचनाओं में हिंदी और पंजाबी शब्दों का प्रयोग किया जो भारतीय समाज प्रेमचंद के ‘कफ़न’ या ‘गोदान’ में नज़र आता है, या जयशंकर प्रसाद की कहानियों में झलकता है, वही समाज और उसका दर्द, अंग्रेज़ी के लेखक मुल्क राज आनंद…

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लेनिन की किताब के उस मुड़े हुए पन्‍ने में अटकी देश की जवानी

संदीप राउज़ी प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी ने बीते रविवार को अपने 69वें ‘मन की बात’ में शहीदे आज़म भगत सिंह की बहादुरी और साहस का ज़िक्र करते हुए कहा कि “क्या आज कोई कल्पना कर सकता है कि जिस अंग्रेज़ी राज में कभी सूरज नहीं डूबता था, वो 23 साल के नौजवान से भयभीत…

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कृषि विधेयकों के खिलाफ आखिरकार विपक्ष एकजुट हुआ है, लेकिन इतना ही काफी नहीं है

ज़ैनब सिकंदर ट्विटर पर निडरता के साथ अपनी बात रखने भर से काम नहीं चलने वाला. विपक्ष को बिहार और पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र सीएए-विरोधी आंदोलन से सीख लेनी चाहिए.केवल मतदाता ही मोदी एंड कंपनी से यह कहने में सक्षम हैं- ‘नहीं, आप ये सरासर गलत कर रहे हैं.’ लेकिन ऐसा तभी…

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भगत सिंह: …जो मुक्त चिंतन को बर्दाश्त न कर सके, तो वह भाड़ में जाए– अपूर्वानंद

आज यानी 28 सितम्बर को शहीद भगत सिंह का जन्मदिन है। एक सवाल कौंधता है। भगत सिंह के विचारों में इतनी स्पष्टता कैसे आई? किताबों से? किताबों से उनका गहरा लगाव था। भगत सिंह के मित्रों में से एक शिव वर्मा ने लिखा है कि भगत सिंह हमेशा एक छोटा पुस्तकालय लिए चलते थे। भगत…

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‘लता जी का गाना भीतर से निकली हुई इबादत की तरह है’ – गुलज़ार

लता मंगेशकर के गाने को सुनकर ऐसा नहीं कह सकते कि ‘अरे यार, क्या कमाल का गाती हैं.’ उनके संगीत के लिए इज्जत की भावना अपने-आप मन में उठती हैउन्होंने अरेबियन नाइट्स की कहानियों की तरह आवाज का ऐसा जादुई कालीन अपने गीतों के बहाने बिछाया हुआ है जिस पर पिछले पचास-साठ साल से न…

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राजनीति सहित तमाम क्षेत्रों में नेतृत्व की मौजूदा पीढ़ी सतीश धवन के जीवन से कई सबक ले सकती है- रामचंद्र गुहा

पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम जिन्हें अपना नायक मानते थे उन सतीश धवन का यह जन्म शताब्दी वर्ष हैश्रीनगर में जन्मे सतीश धवन का पालन-पोषण और शिक्षा-दीक्षा लाहौर में हुई. यहां उन्होंने एक के बाद एक भौतिक विज्ञान व गणित, साहित्य और मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्रियां लीं. भारतीय संदर्भ में देखें तो विज्ञान, मानविकी और…

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वरिष्ठ रंगकर्मी अजय आठले के निधन पर प्रगतिशील लेखक संघ एवम् इप्टा द्वारा श्रद्धांजलि

छत्तीसगढ़ जन नाट्य संघ, (इप्टा) के प्रदेश महासचिव एवं वरिष्ठ रंगकर्मी अजय आठले का आज निधन हो गया। वे कुछ समय से बीमार थे।  उनके निधन से सम्पूर्ण रंग जगत में शोक की लहर व्याप्त हो गई।रायपुर प्रगतिशील लेखक संघ एवम्  इप्टा सहित साहित्य और रंगकर्म से जुड़े साथियों ने अजय आठले के निधन पर…

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जेपी से अण्णा : आख़िर भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन किस तरह दक्षिणपंथ का रास्ता सुगम करता आया है-सुभाष गाताडे

हम बारीकी से विश्लेषण करें तो हम पाते हैं कि वर्ष 2014 के बाद भारत में लिबरल जनतंत्र के बरअक्स हिन्दुत्व की जो बहुसंख्यकवादी सियासत हावी होती गयी, उसके कई तत्व इसी आंदोलन /सरगर्मी में मजबूती पाते गए हैं।  [ग्रीक पुराणों में मिनर्वा को ज्ञान, विवेक या कला की देवी समझा जाता है, जिसका वाहन…

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क्या आर्थिक मंदी के मौजूदा हालात में देश मनमोहन सिंह को अलग नजरिये से देखने लगा है?

हिमांशु शेखर मनमोहन सिंह ने एक बार कहा था कि इतिहास उनके साथ थोड़ी नरमी बरतेगा. ऐसे में यह जानना रोचक है कि अब उन्हें कैसे याद किया जा रहा है? आज जब देश में आर्थिक मंदी की मार बढ़ती जा रही है, खासकर कोरोना संकट के बाद जब जीपीडी में ऐतिहासिक सिकुड़न की चर्चा…

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सलिल चौधरी ने कहा था कि भगवान भी अगर गाता तो हेमंत कुमार की आवाज़ में गाता

अनुराग भारद्वाज अपने संगीत में आधुनिक ऑर्केस्ट्रेशन और हमिंग के प्रभाव से हेमंत कुमार ने एक से एक शानदार गाने बनाए और गाएहेमंत दा ने शानदार संगीत दिया और कमाल के गाने गाये. उनकी आवाज़ इतनी ज़बरदस्त थी कि सीधे सुनने वाले सीधे से गीत के भाव से कनेक्ट हो जाया करते. संगीतकार सलिल चौधरी…

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