Author: Jeevesh Chaube

सप्रे मैदान का खेलः कभी तुम पद पर हम पंडाल में कभी हम पद पर तुम पंडाल में – जीवेश चौबे

June 2, 2020

अंधेरों में लोगों से छुपकर चूचाप देर रात सन्नाटे में तो सिर्फ गलत काम ही किया जाता है सुन रखा है बचपन से । क्या इसीलिए रात का कर्फ्यू लगाया है कि जनता को घरों में नजरबंद कर तमाम अनैतिक और असंवैधानिक कामों को  रात के सन्नाटे में आसानी से अंजाम दिया जा सके ? […]

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मजदूर भी मुआवजे के हकदार हैं- जीवेश चौबे

May 29, 2020

पिछले दो माह से लॉक डाउन , कर्फ्यू, ताली थाली घंटे की नौटंकी के बाद अब कह रहे हैं कोरॉना के साथ ही जीना सीखें।  करोड़ों कामगारों  को सड़क पे मरने छोड़कर अब हाथ खड़े कर रहे हैं। इतनी बेशर्मी और क्रूरता सिर्फ एक सेडिस्ट ही कर सकता है।क्या कामगार इस देश के नागरिक नहीं […]

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भूपेश बघेल की किसान न्याय योजना क्या कॉंग्रेस के लिए गेम चेंजर साबित होगी ? – जीवेश चौबे

May 22, 2020

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा राजीव गांधी की पुण्यतिथि 21 मई के दिन प्रदेश में किसानों के लिए ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’  लांच की गई है, जो राहुल गांधी की महत्वाकांक्षी ‘न्याय’ योजना का ही परिवर्तित रूप है। इस योजना का महत्वपूर्ण पहलू यह है कि ‘ न्याय ’ योजना के अनुरूप राशि सीधे किसानो […]

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Corona Virus, the economy and immunity- Cobad Ghandhy

April 26, 2020

In these days of technology, mass hysteria spreads like wildfire, throughout the world, particularly when it is promoted by the rulers and/or religion. Ganapati drinking milk was one example; the skylab falling was another. There were many more such phobia like even the Y2K crisis. In Jharkhand jail a tribal told me that even in […]

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छात्रों के साथ कामगारों की भी घर वापसी का प्रबंध हो – जीवेश चौबे

April 19, 2020

छत्तीसगढ़ सरकार ने कोटा में फंसे छत्तीसगढ़ के छात्रों को वापस लाने पहल की है । निश्चित रूप से इन छात्रों की घर वापसी का इंतजाम होना ही चाहिए । छत्तीसगढ़ सरकार का ये कदम प्रशंसनीय है ।अपने घरों से सैकड़ों किलोमीटर दूर राजस्थान के कोटा में कोचिंग केंद्रों में पढ़ने वाले छात्र लॉक डॉउन […]

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हे विदूषक तुम मेरे प्रिय 2- प्रभाकर चौबे

April 17, 2020

सुप्रसिद्ध साहित्यकार,प्रतिष्ठित व्यंग्यकार व संपादक रहे श्री प्रभाकर चौबे लगभग 6 दशकों तक अपनी लेखनी से लोकशिक्षण का कार्य करते रहे । उनके व्यंग्य लेखन का ,उनके व्यंग्य उपन्यास, उपन्यास, कविताओं एवं ससामयिक विषयों पर लिखे गए लेखों के संकलन बहुत कम ही प्रकाशित हो पाए । हमारी कोशिश जारी है कि हम उनके समग्र […]

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लोग हैं कि मानते ही नहीं , उमड़ पड़ती है भीड़- जीवेश चौबे

April 17, 2020

प्रशासन परेशान है कि अचानक बाज़ारों में भीड़ उमड़ आती है और शारिरिक हो या सामाजिक किसी भी दूरी का पालन नहीं हो पाता । लोग हैं कि मानते ही नहीं । एक तो वैसे ही लोग कुछ न कुछ बहाने से लॉक डॉउन का उल्लंघन कर सड़कों पर घूमते रहते हैं ऊपर से अगर […]

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हे विदूषक तुम मेरे प्रिय- प्रभाकर चौबे

April 15, 2020

    सुप्रसिद्ध साहित्यकार,प्रतिष्ठित व्यंग्यकार व संपादक रहे श्री प्रभाकर चौबे लगभग 6 दशकों तक अपनी लेखनी से लोकशिक्षण का कार्य करते रहे । उनके व्यंग्य लेखन का ,उनके व्यंग्य उपन्यास, उपन्यास, कविताओं एवं ससामयिक विषयों पर लिखे गए लेखों के संकलन बहुत कम ही प्रकाशित हो पाए । हमारी कोशिश जारी है कि हम उनके […]

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राजनीतिक लोकतंत्र की बजाए, सामाजिक लोकतंत्र की दिशा में भी काम करना होगा- बाबा साहेब आंबेडकर

April 14, 2020

डॉ.भीमराव आंबेडकर ( 14 अप्रैल 1891- 6 दिसंबर 1956) । बाबा साहेब आंबेडकर एक विश्वस्तर के संविधानवेत्ता , कानूनविद,राजनीतिज्ञ,अर्थशास्त्री और समाज पुनरुत्थानवादी होने के साथ-साथ, भारतीय संविधान के मुख्य शिल्पकार भी थे। अपनी सारी जिंदगी भारतीय समाज में जाति व्यवस्था के खिलाफ संघर्ष में बिताने वाले डॉ. आंबेडकर को भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘भारत […]

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मुख्य मंत्री को हर जमात के साथ दृढ़तापूर्वक खड़े होना ही चाहिए – जीवेश चौबे

April 12, 2020

हर राज्य प्रमुख यानि मुख्य मंत्री को हर समुदाय , जमात और जमातियों  के साथ मजबूती से खड़े होना ही चाहिए, हां ये ज़रूर है कि वो किसी भी समुदाय या जमात के उत्पातियों  के साथ नहीं हो सकता। और ये तो सच है ही कि हर समुदाय और जमात में उत्पाती होते ही हैं। […]

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