फीस की रकम लेकर भीलवाड़ा सीधे ही स्कूल जा पहुंचा। आवेदनपत्र आदि की सारी औपचारिकताएं पूरी कर, फीस की रसीद ले ली। एडमिशन हो गया। काम पक्का हो गया। अब किताबें-कॉपियाँ-स्टेशनरी? देखा जाएगा। मूल उद्देश्य तो पूरा हुआ। मेरे जीवन का असली संघर्ष यहीं से प्रारंभ होता है। जब तक हमीरगढ़ में था, सारा मोर्चा […]
Read Moreसुप्रसिद्ध साहित्यकार,प्रतिष्ठित व्यंग्यकार व संपादक रहे श्री प्रभाकर चौबे लगभग 6 दशकों तक अपनी लेखनी से लोकशिक्षण का कार्य करते रहे । उनके व्यंग्य लेखन का ,उनके व्यंग्य उपन्यास, उपन्यास, कविताओं एवं ससामयिक विषयों पर लिखे गए लेखों के संकलन बहुत कम ही प्रकाशित हो पाए । हमारी कोशिश जारी है कि हम उनके समग्र लेखन को प्रकाशित कर सकें […]
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