राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने दुनिया के सबसे बड़े जनांदोलन का नेतृत्व किया था. यह जनांदोलन ब्रिटिश साम्राज्यवाद के विरुद्ध था. गांधीजी के जनांदोलन ने हमें अन्यायी सत्ता के विरुद्ध संघर्ष करने के लिए दो महत्वपूर्ण औज़ार दिए – अहिंसा और सत्याग्रह. उन्होंने हमें यह सिखाया कि नीतियां बनाते समय हमें समाज की आखिरी पंक्ति के […]
Read More-जाहिद खान हिन्दी सिनेमा में बहुत कम ऐसे निर्देशक रहे हैं, जिन्होंने अपनी सिर्फ एक फिल्म से फिल्मी दुनिया में ऐसी गहरी छाप छोड़ी कि आज भी उसकी कोई दूसरी मिसाल नहीं मिलती। निर्देशक मैसूर श्रीनिवास सथ्यू यानी एमएस सथ्यू ऐसा ही एक नाम और साल 1973 में आई उनकी फिल्म ‘गर्म हवा’, ऐसी ही […]
Read Moreचीन के सम्पूर्णबहिष्कार का नारा देने वाले चीन न बन पाने के दुःख से क्यों भरे हुए हैं? क्या यह अवसरवादी राष्ट्रवाद की वजह से है? इस अवसरवादी और कायर राष्ट्रवाद की चर्चा की प्रासंगिकता इतनी ही है कि इसे मालूम है कि चीन के मामले में वह पराक्रम का जोखिम नहीं ले सकता। लेकिन […]
Read Moreज्योति यादव नताशा नारवाल को ‘दिल्ली हिंसा और अमूल्य लीना को’ हिंदुस्तान ज़िंदाबाद, पाकिस्तान ज़िंदाबाद कहने की साजिश के लिए गिरफ्तार किया गया था. लेकिन उनके पिताओं ने बेटी पर कैसी प्रतिक्रिया दी, आज भारत के बारे में बहुत कुछ बताता है. इस साल दिल्ली दंगों और सीएए-एनआरसी के विरोध प्रदर्शनों की कहानियों के मद्देनजर […]
Read Moreअजय कुमार कूटनीति की दुनिया में यह कहा जाता है कि इशारों का भी बहुत महत्व होता है। अब सवाल यही है कि क्या प्रधानमंत्री ने लेह में जाकर इशारों ही इशारों में वह बात कही जो चीन को दबाव में डाल दे? या कुछ ऐसा कहा जिससे ऐसा लगे कि चीन सेना भारत की […]
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