अनुराग भारद्वाज ज़ौक न तो शायरी में किसी से कम थे और न मुफ़लिसी में. पर उन्होंने न तो कभी ग़ालिब की तरह अपनी ग़ुर्बत का ढोल पीटा और न वजीफ़े के लिए हाथ-पैर मारे । ज़ौक़, यानी शेख़ मुहम्मद इब्राहिम ‘ज़ौक़’. जी, हां. वही, बहादुर शाह ज़फर के उस्ताद. उनके बारे में शायरी के […]
Read Moreदिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा पिंजरा तोड़ की सदस्य और जेएनयू की शोध छात्रा देवांगना कालिता की ज़मानत याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट की ओर से वीडियो मांगने पर पुलिस ने कहा कि उसके पास उस समय के कोई वीडियो नहीं हैं जिससे साबित हो कि पिंजरा तोड़ समूह के लोग और देवांगना कालिता, दंगों […]
Read Moreहेट स्पीच से जुड़े चुनिंदा पोस्ट को प्लैटफ़ॉर्म से नहीं हटाने के मुद्दे पर फ़ेसबुक का संकट गहराता जा रहा है। अब इसके अपने कर्मचारियों ने बग़ावत का झंडा बुलंद कर दिया है। वॉल स्ट्रीट जर्नल ने एक ख़बर में कहा है कि फ़ेसबुक के मुसलमान कर्मचारियों ने कंपनी प्रबंधन को इस मुद्दे पर एक […]
Read Moreव्यंग्य पुरोधा हरिशंकर परसाई के लेखन पर उन्हीं की परम्परा के प्रतिष्ठित व्यंग्यकार प्रभाकर चौबे का आलेख – “मैं ऐसा मानता हूँ कि परसाई जी का लेखन भी एक्टीविज्म का एक जरूरी हिस्सा रहा । वे अपने लेखन को एक्टीविज्म के एक हिस्से के रूप में लेते थे और इसी कारण उनका लेखन मनोरंजन […]
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