आम आदमी पार्टी – बल्कि ज्यादा सही कहें तो अरविन्द केजरीवाल – ने गत 17 अगस्त को आरोप लगाया कि दिल्ली के शाहीन बाग़ में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के विरुद्ध जो आन्दोलन चला था वह भाजपा द्वारा प्रायोजित था. उन्होंने कहा, “विधानसभा चुनाव में उत्तर-पूर्वी दिल्ली की कुछ सीटें पर भाजपा की जीत का […]
Read Moreहम प्रशांत भूषण के साथ खड़े हैं.. नारे के साथ राजधानी के बौद्धिक और सामाजिक संगठनों ने हम भारत के लोग मंच के तहत प्रदर्शन किया। सभी ने एक स्वर में कहा कि यह वक्त देश में लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए एकजुट होकर खड़े होने का है । *हम प्रशांत भूषण […]
Read Moreएन॰ वेणुओगोपाल राव( अनुवाद) महेश कुमार वरवरा राव (जिन्हें हिंदी-अंग्रेज़ी में वरवर और वरावरा भी लिखा जा रहा है), जैसे विद्वान साहित्यकार के रूप में उनका जीवन बहुत कम उम्र में शुरू हो गया था। शुरू में, वे मेरे लिए सिर्फ एक मामा थे जो मेरे साथ खेलते थे; मेरी माँ के सबसे छोटे भाई बस वही और कुछ नहीं। हालाँकि, तब से […]
Read Moreकविता इस्मत चुगतई ने बाकायदा अपनी आत्मकथा लिखी है – ‘कागजी है पैरहन’ पर बावजूद इसके ‘टेढ़ी लकीर’ को हमेशा उनकी आत्मकथा की तरह पढ़ा जाता रहा. कारण यह कि इसकी नायिका शम्मन की जिंदगी और उसकी शख्सियत इस्मत चुगतई के जीवन और स्वभाव से बहुत ज्यादा करीब दिखती है. इतनी कि लोगबाग शम्मन में […]
Read Moreसुहैल ए शाह अनुच्छेद-370 हटाते वक्त कहा गया था कि इससे जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद का भी अंत हो जाएगा. क्या एक साल बाद उस दिशा में कोई प्रगति हो सकी है? पिछले साल पांच अगस्त को अनुच्छेद-370, जो भारत के संविधान में जम्मू-कश्मीर को एक विशेष स्थिति प्रदान करता था, हटाने के कुछ दिन बाद […]
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