नीलांजन मुखोपाध्याय गांधी की हत्या और उस हत्या को बहादुरी की तरह पेश किया जाना भी उसी तरह का सुबूत है, जिस तरह बाबरी मस्जिद का विध्वंस या इसी तरह की दूसरी हरक़तें हैं। गांधी की जिस छवि का इस्तेमाल राज्य काज में लगी हुई संघ परिवार की शाखा की तरफ़ से लगातार किया जा […]
Read More10 हज़ार नारीवादी समूहों और नारीवादियों ने गैंगरेप व हत्या के दोषियों और इस मामले में लापरवाही बरतने वाले अफ़सरों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की माँग की है। उन्होंने इस संबंध में बयान जारी किया है। बयान पर हस्ताक्षर करने वालों में डॉ. सैयदा हामिद, अरुणा राय, प्रसार भारती के पूर्व सीईओ जवाहर सरकार, इंदिरा जयसिंह, अपर्णा […]
Read Moreबाबा साहब आंबेडकर और संविधान के चलते दलितों को बराबरी का अधिकार क़ानूनी तौर पर प्राप्त हुआ, लेकिन एक व्यापक जीवन में शामिल होने का अनुभव उन्हें कभी नहीं मिला। यह अभी भी सपना ही है कि एक दलित सामान्य लोकसभा या विधानसभा की सीट पर जीत जाए। वैसे ही जैसे एक मुसलमान ग़ैर मुसलमान-बहुल […]
Read Moreअनुराग भारद्वाज 1957 में कश्मीर मुद्दे पर अमेरिका के जनमत संग्रह प्रस्ताव का उन्होंने इस कदर विरोध किया कि संयुक्त राष्ट महासभा को प्रस्ताव वापस लेना पड़ा. 1947 से लेकर 1964 तक भारत और नेहरू पर जिन ख़ास लोगों का प्रभाव था उनमें से वीके मेनन एक थे. मेनन पर साम्यवाद का प्रभाव लंदन स्कूल […]
Read More