ईशा लंबे समय तक लोग यह समझते थे कि यह लघुकथाएं प्रेमचंद ने ही किसी महिला के नाम से लिखी हैं। यह धारणा इतनी आम हो गई थी कि प्रेमचंद को खुद आगे आकर कहना पड़ा कि यह कृतियां वाकई उनकी पत्नी शिवरानी देवी की हैं। यह लघुकथाएं ‘कौमुदी’ नाम के संकलन के रूप में […]
Read Moreनित्यानंद गायेन किसी भी लोकतंत्र में अदालतें शोषित और पीड़ितों के लिए न्याय की अंतिम उम्मीद होती हैं। जब वही अदालतें दमनकारी सत्ता की भाषा में जनविरोधी फैसलें सुनाने लगें या किसी पीड़ित की अपील को सुनने से मना कर दें और जज किसी मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लें, तो उस […]
Read Moreसोनिया यादव हाथरस मामले में आए दिन बीजेपी मंत्री और नेता अपनी बेतुकी बातों से महिलाओं की अस्मिता को ठेस पहुंचा रहे हैं। हालांकि ये कोई पहली बार नहीं है लेकिन इन बयानों पर बीजेपी महिला नेताओं की चुप्पी गंभीर सवालों के घेरे में है। उत्तर प्रदेश में एक के बाद एक दुष्कर्म और हत्या […]
Read Moreप्रेम कुमार हाथरस केस में जिस ‘जस्टिस फ़ॉर हाथरस विक्टिम.कॉर्र्ड.को’ के ज़रिए ‘दंगा फैलाने की साज़िश का पर्दाफाश’ हुआ वह 30 सितंबर को बनी थी। अगर वह ज़ीरो आवर में बनी हुई मान ली जाए, तब भी उसके बनने के ढाई घंटे बाद ही पीड़िता का हाथरस में अंतिम संस्कार कर दिया गया। महज ढाई घंटे […]
Read Moreअनुराग भारद्वाज मल्लिका-ए-ग़ज़ल बेगम अख्तर की आवाज़ का जादू ऐसा चला कि रिकॉर्ड्स कम पड़ गए और म्यूज़िक कंपनी को विदेश से नया प्लांट ही मंगवाना पड़ा ग़ालिब, मोमिन, फैज़ अहमद फैज़, कैफ़ी आज़मी, शकील बदायूंनी जैसे कमाल के शायरों के कलामों को उनकी आवाज़ ने नए मुक़ाम दिलवाए. लखनऊ घरानों की शान कही जाने […]
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