सुदर्शन जुयाल ईरान सिनेमा के नक्शे पर था ही नहीं. तब ईरान, खोमैनी का ईरान बन चुका था यानि इस्लामिक ईरान. फ़्रेंच न्यू वेव और इटालियन सिनेमा हमारे ज़ेहन में ज़बरदस्त रूप से छाया हुआ था. साथ ही रूस, पोलैंड, हंगरी, चेकोस्लोवाकिया वगैरह के दमदार फ़िल्मकारों ने हमारे बम्बइया सिनेमा के असर को तार-तार कर […]
Read Moreकृषि मंत्रालय ने सोमवार को किसानों को भेजे संदेश में कहा है कि 30 दिसंबर को दिन में 2 बजे बातचीत का वक़्त मुकर्रर किया गया है। यह बैठक विज्ञान भवन में होगी। इससे पहले कई दौर की बातचीत बेनतीजा साबित हो चुकी है। संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से कई बार कहा जा चुका है […]
Read Moreएक आंदोलन जिसकी गूंज भारत के कोने-कोने से आ रही है! एक आंदोलन जो बताता है कि देश का अन्नदाता दाने-दाने को मोहताज हो रहा है! एक आंदोलन जो यह जाहिर करने के लिए काफी है कि अब हदें पार हो रही हैं! देश में इन दिनों चल रहे किसान आंदोलन की धमक पूरी दुनिया […]
Read Moreसाल का अंत एक बड़ी कूच के साथ हुआ है। दिल्ली चलो, उस नारे के साथ। यह नारा एक याद है। किसी और ने दिया था। सरकार अपनी तरह के लोगों की न थी। लेकिन क्या उस ‘दिल्ली चलो’ का मतलब सिर्फ़ यह था कि दूसरे दीखनेवालों को खदेड़ दिया जाए? या यह कि जिस […]
Read More