हिंदू कॉलेज, दिल्ली में डॉ. दीपक सिन्हा स्मृति व्याख्यान का आयोजन – भारतीय साहित्य मानव जाति की प्राचीन ज्ञान परंपरा का दर्पण है : प्रो. अवधेश प्रधान

September 17, 2021

नई दिल्ली । ‘भारतीय साहित्य की अवधारणा भारत से जुड़ी है । भारत एक बहुनस्लीय, बहुधर्मी तथा बहुभाषी देश है । भारतीय साहित्य के संबंध सिर्फ भारत तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसके तार पाकिस्तान, बांग्लादेश, चीन, तिब्बत तथा दक्षिणी एशिया से भी जुड़े हैं ।’ उक्त विचार हिंदी के सुपरिचित आलोचक एवं काशी […]

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अमेरिकी विदेश नीति ने न केवल विश्व को, बल्कि अमेरिकियों को भी पहुंचाया नुकसान

September 13, 2021

कैटरीना वेंडेन ह्यूवेल 9/11 की बरसी पर हमें दशकों से असफल हो रही अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा नीति की तरफ़ ध्यान देने की जरूरत है। अमेरिकी विदेशी नीति के सतत सैन्यीकरण ने वास्तविक सुरक्षा चिंताओं से निपटने में अमेरिका की क्षमता को नुकसान पहुंचाया है। यह वह समस्याएं हैं, जिनसे ना केवल अमेरिका, बल्कि पूरे ग्रह […]

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भागवत जी! मुसलमान सबसे पहले व्यापारी बन कर आये थे!

September 13, 2021

रविकान्त रामधारी सिंह दिनकर ने अपनी चर्चित किताब ‘संस्कृति के चार अध्याय’ में लिखा है कि, “इसलाम जब  अपने निर्मल उत्कर्ष पर था, तब भी वह भारत में आ चुका था। किंतु, तब उसका आगमन मित्रता के नाते हुआ था। अरब, फ़लीस्तीन और मिस्र से भारत का प्राचीनतम व्यापारिक संबंध था। भारत और पश्चिम के […]

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लघु पत्रिका दिवस पर संभावना द्वारा वेबिनार का आयोजन- मनुष्यधर्मी मूल्यों की स्थापना लघु पत्रिकाओं का उद्देश्यः डॉ राजीव रंजन गिरि

September 13, 2021

चित्तौड़गढ़। हिंदी साहित्य के अतीत और वर्तमान को पहचानने और विश्लेषित करने की कोई भी कोशिश, लघु-पत्रिकाओं की दुनिया पर नजर डाले बिना, पूरी नहीं हो सकती।  युवा अध्येता और दिल्ली विश्वविद्यालय में हिंदी के सहायक आचार्य डॉ राजीव रंजन गिरि ने कहा कि छोटे  छोटे शहरों-कस्बों से निकलती रहीं लघु पत्रिकाओं ने साहित्य के […]

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क्या सभी कट्टरपंथी एक ही थैली के चट्टे-बट्टे होते हैं? -राम पुनियानी

September 11, 2021

अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता में वापिसी ने उनके पिछले शासनकाल की यादें ताजा कर दी हैं. उस दौरान तालिबान ने शरिया का अपना संस्करण लागू किया था और महिलाओं का भयावह दमन किया था. उन्होंने पुरूषों को भी नहीं छोड़ा था. पुरूषों के लिए एक विशेष तरह की पोशाक और दाढ़ी अनिवार्य बना दी […]

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वृद्धावस्था पेंशन में वृद्धि से इंकार, पूंजीपतियों पर देश न्यौछावर करती मोदी सरकार

September 9, 2021

प्रभात पटनायक केंद्र सरकार ने संसद में कहा है कि राष्ट्रीय सामाजिक सहायता योजना के अंतर्गत बुजुर्गों को दी जाने वाली मासिक पेंशन की राशि में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी। इस समय इस योजना के अंतर्गत 60 से 79 साल तक उम्र वालों के लिए 200 रु महीना और 80 वर्ष और उससे अधिक आयु […]

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बहुजनहित की बात करने वाली मायावती अचानक ब्राह्मणों के मान-सम्मान लिए क्यों आवाज़ उठा रही हैं?

September 9, 2021

सोनिया यादव उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण मतदाता बीएसपी के जाटव और सपा के यादवों के बाद चुनाव का एक महत्वपूर्ण कारक हैं। ऐसे में क़रीब 14 साल बाद अब एक बार फिर बीएसपी दलित और ब्राह्मण ‘सोशल इंजीनियरिंग’ के जरिए अपने सियासी समीकरणों को सुधारना चाहती हैं। “राज्य में बीजेपी की सरकार के दौरान ब्राह्मणों […]

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सरकार समर्थित मीडिया किसान आंदोलन को बदनाम कर रहा है!

September 8, 2021

रविकान्त सहारनपुर और मुज़फ़्फ़रनगर के बीच स्थित दो मदरसों में किसान महापंचायत में आने वाले आंदोलनकारियों के रुकने और खाने का इंतज़ाम किया गया था। इसी तरह मेरठ और मुज़फ़्फ़रनगर के बीच सड़क किनारे स्थित पाँच मसजिदों को आंदोलनकारियों के लिए खोल दिया गया था।  5 सितंबर, शिक्षक दिवस पर मोदी और योगी सरकार को […]

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पांच सितम्बर शिक्षक दिवस उर्फ पोला दिवस – प्रभाकर चौबे

September 5, 2021

शीर्षक देखकर चौंकने की जरूरत नहीं है। दोनो की एक साथ याद यूं आई कि शिक्षक सरकार के सबसे बड़े पशुधन हैं। मराठी में बैल को पोल कहते हैं- हमारे यहां पोल आकर पोला हो गया। पोला है बैलों का त्यौहार। पोला के दिन बैलों को सजाते सँवारते हैं, उसकी पूजा करते हैं  कि हे […]

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अमेरिकी साम्राज्यवाद की साजिश को उजागर करें अपनी आज़ाद नज़र से: सईद नक़वी

September 3, 2021

– हरनाम सिंह और विनीत तिवारी   सन 1947 में हम आजाद जरूर हुए लेकिन अंग्रेजी साम्राज्यवाद और दुनिया के साम्राज्यवाद ने अप्रत्यक्ष तरह से शुरू से ही हम पर और हमारी विदेश नीति पर यह दबाव बनाए रखा कि कहीं हम सही अर्थों में लोकतांत्रिक और समाजवादी देश न बन जाएँ। नेहरू के युग और […]

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