भोपाल/ हमारे समय में परिस्थितियाँ बदलती रहती है। बदली हुई परिस्थितियों में चुनौतियाँ आती रहती है। उन चुनौतियों के समाधान को लेकर हम प्रेमचंद या किसी और रचनाकार के साहित्य के माध्यम से साहित्य या सामाजिक शोध को अपनाते है। किसी भी शोध के लिये बेहतर, सम्यक एवं सही दृष्टि का होना बहुत जरूरी होता […]
Read Moreप्रेमचंद की 141 वीं जयंती पर उनके गांव लमही में दीपावली मनाने की तैयारी है। लगभग 51 सौ दीयों से जयंती की शाम प्रेमचंद का लमही गांव जगमग होगा। प्रेमचंद के आवास स्मारक और शोध केंद्र को दीपों से सजाया जाएगा।लमही महोत्सव-2021 के आयोजन की जिम्मेदारी इस बार पुरातत्व विभाग को सौंपी गई है। प्रेमचंद […]
Read More“हिना” फिल्म इंसानियत को बयां करती दो दिलों की प्रेम कहानी है. इसमें प्रेम, इंसानियत के मूल्यों के साथ जी रहे आमलोगों की जिंदगी में मचने वाली खलबली है जो सियासत ने सरहद की लकीरें खींच कर उठाई है. ख़्वाजा अहमद अब्बास की जिंदगी का भी ये सवाल था कि चाँद को चन्द्रमा कहने से […]
Read Moreसुबोध वर्मा जनता के प्रमुख मुद्दों पर सरकार के लचर रवैये के ख़िलाफ़ मेहनतकश लोगों ने ‘भारत बचाओ’ आंदोलन की शुरूआत कर दी है। सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन (सीटू), अखिल भारतीय किसान सभा (एआईकेएस) और अखिल भारतीय खेत-मज़दूर यूनियन (एआईएडब्ल्यूयू) हैं। इन संगठनों ने देश के कामकाजी लोगों के विशाल बहुमत का प्रतिनिधित्व करते हुए, […]
Read Moreभारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) की केंद्रीय इकाई द्वारा ख़्वाजा अहमद अब्बास के रचनाकर्म पर केंद्रित कार्यक्रमों की तीसरी कड़ी में “हिना” फिल्म के ज़रिये अब्बास साहब की चिंताओं और उनके सरोकारों पर एक ज़ूम मीटिंग आयोजित की गयी जिसका फेसबुक पर इसका प्रीमियर 27 जुलाई 2021 की रात 8 बजे से 9.30 बजे तक […]
Read Moreअरविंद पोरवाल 26 जुलाई, 2021 को अपनी महान क्रांति की 68वीं वर्षगांठ मना रहा क्यूबा 1959 के बाद से अपने सबसे कठिन दौर से गुजर रहा है। गत 11 जुलाई को बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी क्यूबा की सड़कों पर उतर आए जो मुख्य रूप से भोजन, बिजली और दवाओं की कमी तथा महामारी के कारण […]
Read Moreअपने बारे में जानकारियों को लेकर इतना संकोच क्यों? और क्या हम यह भी नहीं कहते रहे हैं कि हमें पारदर्शी होना चाहिए? वही अच्छा है जो बाहर और भीतर एक हो? हम ऐसा कुछ करें ही क्यों जिसे लेकर पर्दादारी करनी पड़े? निजता को लेकर दार्शनिक और क़ानूनी बहस होती रही है। मुझे मेरे व्यक्तित्व […]
Read Moreचेला के साथ चांटी लगे रहते हैं, इसलिए कहा जाता है – गुरु के चेला चांटी बहुत हैं। चेला का मतलब तो समझ मे आया। चांटी का क्या अर्थ। खींच-कींचकर अर्थ निकाला छत्तीसगढ़ी मे चींटी के चांटी कहते हैं। तो चेला का मतलब प्रमुख चेला और उसके साथ-साथ जो छोटे-छोटे लोग आएं, वे चांटी, इसका […]
Read Moreएजाज़ अशरफ़ यह सिर्फ राहुल गांधी, ममता बनर्जी, प्रशांत किशोर या पत्रकारों को फोन के माध्यम से ट्रैक किए जाने का मसला नहीं है। बल्कि चिंता इस बात की है कि दुनिया भर में कोई भी स्पाइवेयर की जासूसी/निगरानी से सुरक्षित नहीं है।यह बात संभव है कि भारत में जनता उन लोगों के नामों के […]
Read Moreसंसद भवन के निकट ऐतिहासिक किसान संसद के मानसून सत्र की जोर-शोर से शुरुआत – किसान-विरोधी एपीएमसी बाइपास अधिनियम के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत और अनुशासित बहस हुई। दिल्ली पुलिस द्वारा मीडिया को किसान संसद की कार्यवाही से दूर रखने की कोशिश को एसकेएम ने शर्मनाक प्रयास कहा और उसकी की निंदा की .केंद्र के […]
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