अजय कुमार अनुमान है कि कोरोना के वास्तविक मामले और सरकार द्वारा आधिकारिक तौर पर जारी किए जा रहे मामलों के बीच तकरीबन 7 गुना का अंतर है। भारत बहुत बड़ा मुल्क है। क्षेत्रफल की दृष्टि से दुनिया का सातवां सबसे बड़ा मुल्क और आबादी की दृष्टि से दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मुल्क। इतना […]
Read Moreहिंदुओं को आँकड़ों में बदल कर या उन्हें मात्र एक जनसंख्यात्मक समूह की इकाई में शेष करके उन्हें व्यक्ति के तौर पर किसी अधिकार की इच्छा से वंचित किया जा रहा है। जब कोई मुख्यमंत्री कहता है कि आँकड़ों का खेल न खेलें, इससे मुर्दा ज़िंदा नहीं हो जाएँगे तो वह क्या कहना चाहता है? […]
Read Moreकिसान आंदोलन की पूरे देश में हलचल है। किसान आंदोलन के चलते न सिर्फ किसान बल्कि एक बहुत बडा वर्ग उद्वेलित है जिसमें युवा वर्ग की भागेदारी एक नए बदलाव का संकेत दे रही है। विगत लगभग 6 माह से जारी यह आंदोलन एक नया इतिहास रच रहा है जिसके भीतर से उठती ध्वनियों में […]
Read Moreआखिरकार 2 मई को पांच राज्यों के चुनाव नतीजे सामने आए. इसमें सबसे बड़ी खबर पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की प्रचंड जीत है. इस जनादेश के पीछे बहुत बड़ी बातें छुपी हुई हैं. ममता बनर्जी को हराने में बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत लगा दी थी. ये देश की राजनीति में एक नया टर्निंग […]
Read Moreआलोक जोशी एसएंडपी ने इस साल भारत की जीडीपी में ग्यारह परसेंट बढ़त का अनुमान दिया हुआ है। लेकिन उसका कहना है कि रोजाना तीन लाख से ज़्यादा केस आने से देश की स्वास्थ्य सुविधाओं पर भारी दबाव पड़ रहा है, ऐसा ही चला तो आर्थिक सुधार मुश्किल में पड़ सकते हैं। यूँ ही देश […]
Read Moreशंभूनाथ शुक्ल एक प्रधानमंत्री और उसके मुख्यमंत्रियों की यह नाकामी उस व्यवस्था की पोल खोलती है जो ख़ुद पिछले सात वर्षों में भाजपा ने गढ़ी है। हर जगह संवेदन-शून्य लोगों की नियुक्ति से यही होगा। पब्लिक मशीन नहीं होती। वह एक जीता-जागता समाज है। एम आसैपंडी नोएडा के सेक्टर 51 स्थित केंद्रीय विहार में रहते […]
Read Moreविक्रम सिंह लोगों को बताया जा रहा है कि जनता ही सिस्टम है, इसलिए जनता फेल हो गई। सिस्टम का फेल होना आपका फेल होना है। हमारे देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने आतंक मचा रखा है। हस्पताल से श्मशान/कब्रिस्तान तक लम्बी कतारें लगी हैं। जनता आशंकित और आतंकित दिख रही है। ऊपर […]
Read Moreकोविड-19 की दूसरी और कहीं अधिक खतरनाक लहर पूरे देश में छा चुकी है. जहाँ मरीज़ और उनके परिजन बिस्तरों, ऑक्सीजन और आवश्यक दवाओं की कमी से जूझ रहे हैं वहीं कोविड योद्धा इस कठिन समय में समाज की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं. लोगों की भोजन और […]
Read Moreपरपीड़ा की राजनीति फल देती है। वह निष्क्रिय पीड़कों के समाज का निर्माण करती है। वह पीड़ा की वैधता भी स्थापित करती है। एक हिस्से को पीड़ित होते रहना होगा जिससे एक बड़े समुदाय को आनंद मिल सके। एक छोटी अवधि तक पीड़ित होना होगा, जिससे चिरकाल का सुख मिल सके। जो पीड़ा की शिकायत […]
Read Moreहमेशा की तरह एक बार फिर देश में क्रिकेट का आइटम सॉंग कहे जाने वाले 20-20 का भोंडा प्रदर्शन शुरु हो चुका है। क्रिकेट की लोकप्रियता और भारतीय जनमानस की उत्सवधर्मिता के चलते इसमें कोई बहुत वाद- विवाद या विमर्श की गुंजाइश नहीं रह जाती , मगर इस बरस इसके टायमिंग को लेकर देश का […]
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