प्रबीर पुरकायस्थ अमरीका मानता है कि उसके युद्धपोतों को जो नाभिकीय शस्त्रों से लैस होते हैं, तटवर्ती देशों की अनुमति के बिना ही, हर जगह अपने सैन्य अभ्यास करने का बेरोक-टोक अधिकार है। दक्षिण चीन सागर में अमरीका के नौवहन की आजादी के दावों का अनुमोदन करने वाली भारत सरकार के लिए, यह झकझोर देने […]
Read Moreयह 1968 का साल था। अमेरिका तरह-तरह के उथल-पुथल से गुज़र रहा था। लिंडन जॉन्सन राष्ट्रपति थे। उन्होंने देश को वियतनाम युद्ध में झोंक रखा था और उनकी सरकार अपने लोगों से युद्ध का सच छुपा रही थी। ताबूतों में 18-20 बरस के अमेरिकी सैनिकों के शव घर लौट रहे थे। इसी साल मार्टिन लूथर […]
Read Moreवाराणसी की जिला अदालत ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को ज्ञानवापी मस्जिद के अतीत की पड़ताल करने का निर्देश दिया है. उपासना स्थल (विशेष उपबंध) अधिनियम 1991 के अनुसार,सभी आराधना स्थलों में वही यथास्थिति रहेगी जो स्वाधीनता के समय थी. ऐसी खबर है कि उच्चतम न्यायालय इस अधिनियम का पुनरावलोकन करने वाला है. जिस समय […]
Read Moreरूबी सरकार ग्रामीणों का कहना है कि एक साल में 3 लाख मीट्रिक टन एलुमिना उत्पादन करने के लिए 7 लाख मीट्रिक टन बॉक्साइट को रिफाइन करना होगा। इसके लिए कम से 80 से 90 लाख मिलियन क्यूबिक मीटर पानी की जरूरत पड़ेगी। अगर इतना पानी डिस्चार्ज होगा तो आसपास के नदी नाले सभी सूख […]
Read Moreएन.के. सिंह क्या आज के चुनाव आयोग में शेषन जैसी हिम्मत है? शायद नहीं, क्योंकि उस समय तक मोदी और अमित शाह की जगह अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी हुआ करते थे और राजनीति में कुछ परदे अभी भी बचे थे। सुप्रीम कोर्ट तक ने हाल ही में एक सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग से […]
Read Moreअजाज़ अशरफ शीर्ष वैज्ञानिक इस बात को लेकर चेता रहे हैं कि बाज़ार में वैक्सीन के ब्रांडों की भरमार है और निश्चित रूप से इससे टीकों का व्यावसायीकरण हो जायेगा। कुछ लोगों को इस बात की आशंका थी कि कोरोनावायरस बीमारी या कोविड-19 की दूसरी लहर पूरे भारत में फैल जायेगी। शहरों में कर्फ़्यू है […]
Read Moreअनिल जैन केरल हाई कोर्ट के हस्तक्षेप से एक ग़लत नज़ीर कायम होने से बच गई। मगर सवाल है कि क्या चुनाव आयोग भविष्य के लिए इससे कोई सबक़ लेगा। पिछले छह-सात सालों के दौरान केंद्र सरकार की करतूतों से वैसे तो देश की सभी संवैधानिक संस्थाओं की साख और विश्वसनीयता पर बट्टा लगा है, लेकिन […]
Read Moreभावना विज अरोड़ा “अब ध्रुवीकरण की राजनीति हिंदू-मुसलमान तक सीमित नहीं, उसमें जाति, संप्रदाय और क्षेत्रीयता के नए तत्व भी जुड़े” राजनीति हैरान करने वाले हालात पैदा कर डालती है। नरेंद्र मोदी भी बाइबल का हवाला दे सकते हैं। बेशक, यह केरल में 30 मार्च को घटित हुआ। प्रधानमंत्री पलक्कड़ की एक चुनावी रैली में […]
Read Moreकिसानों के बीच भय का माहौल बनाने के उद्देश्य से अनेक प्रकार की झूठी खबरें फैलायी जा रही हैं, जिसमें किसानों के धरने जबर्दस्ती उठाये जाने की बातें हैं। दिल्ली की सीमाओं पर और देश के अन्य हिस्सों में डटे किसान पहले भी बातचीत के पक्ष में हैं। यह हास्यास्पद लगता है जब भाजपा कोई […]
Read Moreशंभूनाथ शुक्ल कोरोना कोई ढोल बजा कर नहीं आता। अगर कुंभ स्थगित हो जाता तो न धर्म का लोप होता न हिंदू समाज का। अलबत्ता एक मैसेज यह जाता कि हिंदू एक सहिष्णु और सभ्य व वैज्ञानिक चेतना वाली क़ौम है। कोई भी धर्म, कोई भी कर्मकांड, कोई भी विचार मनुष्य से ऊपर नहीं हो […]
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