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Month: August 2020

कहानी: ढांचा – असग़र वजाहत

वह घर लौट कर आया तो कुछ अजीब सा लग रहा था। न उसने बच्चों से कोई बात की और न जमीला से कुछ बोला जो स्टोव पर खाना बना रही थी। किसी चीज़ की छीना झपटी पर बड़कू और मुनिया में लड़ाई हो गई । बड़कू मुनिया को मारने लगा लेकिन वह कुछ नहीं…

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बिस्मिल्लाह खां कबीर की परंपरा वाले बनारस के सबसे सच्चे वारिस थे

पुलकित भारद्वाज 21 अगस्त 2006 को इस दुनिया से रुखसत हुए उस्ताद बिस्मिल्लाह खां कहते थे, ‘पूरी दुनिया में चाहे जहां चले जाएं हमें सिर्फ हिंदुस्तान दिखाई देता है और यहां चाहे जिस शहर में हों, सिर्फ बनारस दिखता है’। जीते जी उस्ताद कबीर की विरासत को बखूबी सजाते-संवारते रहे।अपनी मौत के बाद वे कबीर…

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क्या शादी की न्यूनतम उम्र बदलने से लड़कियों की ज़िंदगी भी बदल जाएगी?

सोनिया यादव सरकार के इस फैसले के पक्ष और विपक्ष में कई तर्क सामने आ रहे हैं। एक ओर मैटरनल मॉर्टेलिटी रेट को कम करने से लेकर बराबरी के हक़ तक की बात कही जा रही है तो वहीं दूसरी ओर लड़की के पसंद की शादी और एज ऑफ़ कन्सेंट को लेकर डर भी जाहिर…

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आत्मनिर्भर भारत = 1 महीने में 50 लाख बेरोज़गार-

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण के पक्ष में आए समर्थन के मायने क्या हैं और युवा पत्रकार प्रशांत कनौजिया की गिरफ्तारी पर पत्रकार नेहा दीक्षित से की बातचीत । वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने मेक फॉर वर्ल्ड का नारा देने वाली सरकार से पूछा कि जब 50 लाख वेतनभोगी नागरिकों की एक महीने…

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नगा नेता राज्यपाल से वार्ता को क्यों राज़ी नहीं?- उर्मिलेश

केंद्र-नगा ‘फ्रेमवर्क समझौते’ को निर्णायक मुकाम तक पहुंचाने की प्रक्रिया में क्यों पेंच फंसा है? लंबे समय तक विद्रोही रहा नगा-नेतृत्व इन दिनों राज्यपाल और मुख्य वार्ताकार आर एन रवि से क्यों नाराज़ है? नगा नेता राज्यपाल रवि से वार्ता को क्यों राज़ी नहीं?– वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश का विश्लेषण – केंद्र-नगा ‘फ्रेमवर्क समझौते’ को निर्णायक…

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जबरा मारे औ रोऊन न देय

सत्यम श्रीवास्तव यह बुंदेलखंड की ऐसी कहावत है जो किसी ‘बड़े आदमी’ द्वारा सताये गये किसी अन्य व्यक्ति द्वारा अपनी व्यथा सुनाते समय प्राय: उपयोग में लायी जाती है। दूसरे मौकों पर भी इसका इस्तेमाल होता है, लेकिन मुख्य बात है कि इस कहावत के प्रयोग के लिए एक सताने वाले की ज़रूरत है और…

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क्या पीएम केयर्स फंड पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला एक चिंताजनक नज़ीर नहीं कायम करता है?

विकास बहुगुणा माना कि सरकारें किसी भी उद्देश्य के लिए कितनी भी संस्थाएं बना सकती है लेकिन अगर उनमें पारदर्शिता और जवाबदेही का अभाव हो तो उसे दूर करना किसका काम है? विपक्ष ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर निराशा जताई है. कांग्रेस का कहना है कि पीएम केयर्स फंड के बारे में सुप्रीम…

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सुशांत केस जांच CBI को सौंपने पर शरद पवार का तंज- आशा है दाभोलकर की जांच जैसा परिणाम नहीं होगा

सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के सुसाइड केस की जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंपने के फैसले पर एनसीपी के नेता शरद पवार ने अपने ट्वीट में  तंज कसते हुए कहा कि ”मुझे आशा है, इस जांच के परिणाम डॉ. नरेंद्र दाभोलकर की हत्या की जांच जैसे न हो। सुप्रीम कोर्ट ने   दिवंगत…

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सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण को पुनर्विचार के लिए दिया दो दिन का समय

एक्टिविस्ट और सुप्रसिद्ध वकील प्रशांत भूषण ने  न्यायपालिका पर किए गए दो ट्वीट माफी मांगने से इनकार करते हुए सजा पर सुनवाई दूसरी बेंच में करवाने की अपील की थी, लेकिन कोर्ट ने उसे भी खारिज कर दिया। अब सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण को अपने बयान (ट्वीट) पर माफी मांगने पर पुनर्विचार करने के लिए…

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आदिवासियों के सवालों पर चुप्पी क्यों?

रमेश शर्मा पूरी दुनिया में मूलवासियों/आदिवासियों की कुल जनसंख्या लगभग 48 करोड़ है, जिसका लगभग 22 फीसदी आदिवासी समाज भारत देश में रहता है I भारत जैसे महादेश में आज आदिवासियत पर विमर्श अपरिहार्य है। वास्तव में यह केवल अस्मिता अथवा अधिकारों का मसला मात्र नहीं है – आदिवासियत की प्रासंगिकता उन तमाम संदर्भों से…

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