“संकट के समय सार्वजनिक क्षेत्र लड़ाई में सबसे आगे, जबकि सरकार निजीकरण को बढ़ावा दे रही” कोविड-19 समाज को बुरी तरह प्रभावित कर रहा है। आमतौर पर ऐसी भयावह घटनाएं समाज में नए विचार और बड़े परिवर्तन को जन्म देती हैं। इस संकट का सामना करते हुए हम भविष्य की एक झलक मात्र देख पा […]
Read Moreसौरभ बाजपेयी दरअसल, जिस चमचमाते टेंट में यह शो चल रहा था वो कोरोना के चलते उजड़ रहा है. ग़रीबों पर जो गुजर रही है, उसको शब्द बयाँ नहीं कर सकते. लेकिन जो “मध्यवर्ग” महंगा टिकट कटाकर जादू देखने आता था, कोरोना संकट ने उसकी भी ज़ेब काट दी है. मध्यवर्ग मोदी की हाथ की सफ़ाई […]
Read Moreदीपक के. मंडल सूक्ष्म,लघु और मध्यम उपक्रम यानी एमएसएमई क्षेत्र के लिए सरकार ने तीन लाख करोड़ रुपये के गारंटी फ्री लोन का ऐलान किया है. उम्मीद की जा रही है कि यह बेरोज़गारी के संकट को ख़त्म करने में मददगार साबित होगा और बाज़ार में मांग पैदा करेगा, लेकिन इस क्षेत्र के हालात ऐसे […]
Read Moreइस महामारी और उसकी आशंका के सहारे परिसरों को वीरान किया जा सकता है और छात्रों को उनकी स्क्रीन के हवाले करके और किसी भी साथ संग से वंचित किया जा सकता है। विश्वविद्यालय का अगर कोई अर्थ है तो वह इस साथ संग और नज़दीकियों में है जो परिसरों में बनती हैं। एक तरफ़ […]
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