—जाहिद खान हिंदी रंगमंच में दिनेश ठाकुर की पहचान शीर्षस्थ रंगकर्मी, अभिनेता और नाट्य ग्रुप ‘अंक’ के संस्थापक, निर्देशक के तौर पर है। दिनेश ठाकुर के नाट्य ग्रुप ‘अंक’ का सफर साल 1976 में शुरू हुआ था, जो उनके इस दुनिया से जाने के आठ साल बाद भी जारी है। रंगमंच हो, टेलीविजन या फिर […]
Read Moreव्यालोक भारतीय जनता पार्टी के आइटी सेल और सोशल मीडिया के बारे में आम तौर पर लोगों की जानकारी बहुत सीमित है। जो थोड़ी-बहुत जानकारी है भी, वह कई तरह के पूर्वाग्रहों और गलत धारणाओं पर आधारित है। इसे हम अवधारणा-निर्माण (नैरेटिव-बिल्डिंग) और आधिपत्यीकरण (हेजेमनाइजेशन) के खेल की तरह समझें। पढ़े-लिखे होने का दावा करने […]
Read Moreरोमा बिहार के चुनावी माहौल में जिला कैमूर के अधौरा प्रखंड में अपने जल, जंगल और ज़मीन के हक़ के लिए संघर्ष कर रहे आदिवासियों पर पुलिस द्वारा गोलियां बरसायी गयीं। 11 सितंबर 2020 को पुलिस और वन विभाग ने निहत्थे आदिवासियों पर गोलीचालन किया जिसमें 3 लोग घायल हो गये और कई को चोट […]
Read Moreजस्टिस अजीत प्रकाश शाह ने जस्टिस सुरेश शाह मेमोरियल लेक्चर देते हुए एक आलेख पढ़ा, ‘सुप्रीम कोर्ट का पतन, भूली हुई आज़ादी और घटे हुए अधिकार’। उसके मुख्य अंशों का अनुवाद पढ़ें– मुझे लगता है कि हमारे समय की सबसे ज़्यादा परेशान करने वाली घटना है-सुप्रीम कोर्ट का पतन। इसके एक पूर्व जज के नाते […]
Read Moreअनुराग भारद्वाज अली सरदार जाफ़री ‘दीवाने मीर’ में लिखते हैं, ‘यद्यपि आज आम लोकप्रियता के विचार से ग़ालिब और इक़बाल, मीर से कहीं आगे हैं फिर भी ग़ालिब और इक़बाल की शायराना महानता को इनकार करने वाले मौजूद हैं. मगर मीर की उस्तादी से इनकार करने वाला कोई नहीं है. ‘रेख्ते के तुम्हीं उस्ताद नहीं […]
Read More