प्रमोद मल्लिक ऐसे समय जब पूरी दुनिया में वामपंथ का मर्सिया पढ़ दिया गया है, भारत में दक्षिणपंथी और विभाजनकारी ताक़तें हावी हैं और बीजेपी व नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता बढ़ती ही जा रही है, इसके उलट वामपंथी दलों ने बिहार में ज़बरदस्त चुनावी नतीजे लाकर सबको हैरत में डाल दिया है।बिहार विधानसभा के 1965 […]
Read Moreएश्वर्या राज मशहूर नृत्यांगना सितारा देवी का यह जन्म शताब्दी वर्ष है ।सितारा देवी के पिता संस्कृत और नाट्यशास्त्र के विद्वान सुखदेव महाराज थे और उनकी मां मत्स्या कुमार का नाता नेपाल के राजघराने से था। उनकी पैदाइश कलकत्ता की है। उनका असली नाम धनलक्ष्मी था। सुखदेव महाराज ने उनकी प्रतिभा के अनुसार एक नया […]
Read Moreतरक्की पसंद उर्दू कथाकारों में राजिंदर सिंह बेदी का नाम अत्यंत आदर के साथ लिया जाता है. कहानियों के साथ ही फिल्मों से भी उनका काफी गहरा संबंध रहा। उनकी कहानिया जमीन से जुड़ी होती हैं। उनकी कहानियों से गुजरते हुए हमारी अपनी संजीदगी बेदी की संजीदगी से एकमेक हो उठती है. उनकी शैली तथा […]
Read Moreभद्रसेन ‘नाइनटीन एट्टी-फोर’ के बाद राजनीति दर्शन के क्षेत्र में लोगों के जीवन पर सर्वत्र निगाह रखने वाले राज्य को ‘ओर्वेलियन’ नाम से जाना जाने लगा. आज जब हुक़ूमतें ‘सर्विलांस’ के बिना चल ही नहीं सकतीं, ‘ओर्वेलियन’ शब्द में अंतर्निहित अर्थ को समझना सबसे अधिक अनिवार्य हो गया है. अपनी मृत्यु से ठीक एक साल […]
Read Moreअमेरिका के प्रतिष्ठित टेलीविज़न चैनलों पर हमने श्वेत और अश्वेत पत्रकारों और विश्लेषकों को निःसंकोच रोते हुए देखा। उन्होंने निष्पक्षता का ढोंग नहीं रचा जो हमारे पत्रकार और बौद्धिक पालते हैं और खुद को “अंपायर” समझकर दोनों पक्षों के बीच संतुलन बनाए रखने की कवायद करते हैं। अमेरिकियों ने साफ कहा कि पक्ष तो एक […]
Read Moreसुहैल ए शाह ‘कश्मीर फॉर कश्मीरीज़’ का नारा सबसे पहले कश्मीरी पंडितों ने ही लगाया था. लेकिन राज्य के नये भूमि कानून के बाद अब स्थिति बिलकुल बदल गई है जम्मू-कश्मीर में ज्यादातर लोग इस फैसले से खुश नहीं दिख रहे हैं, फिर चाहे वे कश्मीर के लोग हों या जम्मू के, अलगाववादी हों या […]
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