जहाँ गाँधी के नेतृत्व में राष्ट्रीय आंदोलन ने लोगों को एक किया वहीं सांप्रदायिक ताकतों जैसे मुस्लिम लीग, हिन्दू महासभा और आरएसएस ने धर्म-आधारित पहचान पर जोर दिया. ये प्रवृत्तियां, उस सम्प्रदायवादी राजनीति का हिस्सा थीं जिसने लोगों को एक करने के राष्ट्रीय आन्दोलन के अभियान को कमज़ोर किया. आज स्वतंत्रता के सात दशक बाद […]
Read Moreखुशबू शर्मा जब मैंने पहली बार नताशा की गिरफ्तारी के बाद उनके पिता महावीर नरवाल से फेसबुक के ज़रिये बात की तो उनका पहला वाक्य यह था-“ख़ुशबू, आप उसी यूनिवर्सिटी में पढ़ती हैं न जहां मेरी बेटी नताशा पढ़ती हैं?” इस वाक्य में गर्व था ही साथ ही एक अपनापन भी। उसी दौरान नताशा और […]
Read Moreसंसद में मत-विभाजन में विपक्ष जीत नहीं पाया है। फिर इनका विरोध सड़क पर करना संसद की अवमानना, जनमत की अवहेलना नहीं तो और क्या है? यही बात अभी खेती-किसानी से संबंधित क़ानूनों के बारे में कही जा रही है। जब संसद के दोनों सदनों ने ये क़ानून पारित कर दिए तो सड़क पर उनका […]
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