अनीश अंकुर ऐतिहासिक थर्ड कम्युनिस्ट इंटरनेशनल की दूसरी कांग्रेस (1920) के शताब्दी वर्ष के अवसर पर विशेष । 1920 में हुए कम्युनिस्ट इंटरनेशनल की दूसरी कांग्रेस ने पहली के मुकाबले एक बड़ी छलांग लगाई थी। मार्च 1919 में सम्पन्न पहली कांग्रेस में सिर्फ 51 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। बोल्शेविकों को छोड दें तो बाहरी मुल्कों […]
Read Moreकिसान आंदोलन के बीच कुछ किसान नेता सरकार के सामने अपनी मांगों को पूरी हिम्मत और जज्बे के साथ रखते नजर आए जिन्होंने सरकार के सामने बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है. दरअसल, धरना और प्रदर्शन में हजारों की भीड़ होती है लेकिन कुछ चेहरे होते हैं जो बागडोर संभालते हैं या कहें सबको एक […]
Read Moreचित्तौड़गढ़। ‘स्वयं प्रकाश की आस्था अंध आस्था नहीं है अपितु उनकी आस्था भविष्यवादी दृष्टि से निर्मित हुई है जो पाठकों को कभी निराश नहीं होने देती।’ उक्त विचार सुप्रसिद्ध आलोचक एवं उदयपुर विश्वविद्यालय के पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो नवलकिशोर ने संभावना संस्थान द्वारा आयोजित वेबिनार ‘यादों में स्वयं प्रकाश’ में व्यक्त किए। हिंदी के प्रसिद्ध […]
Read Moreमंगलेश डबराल को याद करते हुए वरिष्ठ कवि-लेखक विष्णु नागर लिखते हैं- वह हमारे समय के सबसे चर्चित और सबसे सक्रिय कवियों-लेखकों में थे। उनकी निगाहें साहित्य ही नहीं, हमारे समय के राजनीतिक विद्रूप पर भी लगातार रहती थी। वह इस समय जितने बेचैन, व्यथित और बदलने की इच्छा से भरे हुए थे,ऐसे हिंदी कवि […]
Read Moreहिंदी के प्रख्यात कवि मंगलेश डबराल का निधन हो गया। वह 72 साल के थे। कुछ हफ़्ते पहले कोरोना पॉजिटिव होने के पश्चात से उनकी तबीयत लगातार ख़राब होती गई । मंगलेश डबराल को 2000 में उनकी कविता संग्रह ‘हम जो देखते हैं’ के लिए साहित्य अकादमी सम्मान से नवाजा गया था। वह दुनिया भर में हिंदी […]
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