कथाकार-आलोचक शम्सुर्रहमान फ़ारूक़ी के चर्चित उपन्यास ‘क़ब्ज़े ज़माँ’ का हिंदी अनुवाद छप गया है. हिन्दी में अनुवाद डॉ. रिज़वानुल हक़ ने किया है यह उपन्यास एक सिपाही की आपबीती के बहाने वर्तमान से शुरू होकर गुज़रे दो ज़मानों का हाल इतने दिलचस्प अन्दाज़ में बयान करता है कि एक ही कहानी में तीन ज़मानों की सामाजिक, […]
Read Moreश्वेता चौहान महान सर्गोन की पुत्री एनहेडुआना जिसका समय 2285 से 2250 ईसा पूर्व माना जाता है। सर्गोन, प्राचीन सुमेर सभ्यता जिसे उस समय मेसोपोटामिया और अभी इराक की भूमि कहा जाता है, का प्रतापी राजा था। तीन महान ग्रंथों के अलावा एनहेडुआना ने लगभग 42 कवितायेँ और लिखीं हैं जिसमें उसने अपने जीवन की सारी […]
Read Moreरिलायंस रिटेल लिमिटेड ने कर्नाटक के रायचूर जिले में सिंधनूर तालुक के किसानों से 1,000 क्विंटल सोना मंसूरी धान की खरीद का करार किया है। हालांकि इस डील से हर कोई खुश नहीं है। कर्नाटक राज्य रैथा संघ के अध्यक्ष चमारासा मालिपाटिल ने कहा कि कॉर्पोरेट कंपनियां पहले तो किसानों को एमएसपी से ज्यादा दाम की […]
Read Moreसंदीप राउज़ी आपको कैसा लगेगा अगर मूंगफली की उम्मीद में बढ़ी आपकी अंजुरी बादाम से भर जाए! आप चाय की तलाश में हैं और आपको गरमागरम दूध का न्योता मिल जाए। प्यास लगी हो और लोग ठेठ मक्खन वाली छाछ लिए आपकी सिफ़ारिश कर रहे हों। टीकरी बॉर्डर पर जमे किसान जत्थों के बीच घूमते […]
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