लगभग सौ साल पहले, 1918 में इन्फ़्लुएंज़ा संक्रमण या स्पेनिश फ्लू ने पांच करोड़ लोगों को लील लिया था. भारत में मरने वालों की तादाद क़रीब एक करोड़ अस्सी लाख थी. हिंदी के महाकवि निराला की पत्नी मनोहरा देवी और कई परिजन भी इसी आपदा के शिकार बने थे. शवों को जलाने के लिए लकड़ियों […]
Read More‘बाजार तो बंद आहे लेकिन जंगल बंद तो नखे नि’ (बाजार बंद होने से क्या हुआ, जंगल तो खुला है). वन से जलावन के लिए लकड़ी लेकर आने वाली एक आदिवासी महिला के ये शब्द हैं. उन्होंने कोरोना वायरस के बारे मे सुना है और उन्हें उससे डर भी है पर लॉक डाउन से कोई […]
Read Moreसारा विश्व कोरोना महामारी के चलते जिंदगी और मौत की सबसे कठिन लड़ाई लड़ रहा है। विश्व की सारी सरकारें अपने इस भयंकर महाहारी से मुकाबला करने पूरी ताकत से जूझ रही हैं। छत्तीसगढ़ में भी इस महामारी की दस्तक एकदम शुरुवाती दौर में ही सुनाई दे गई थी । मुख्य मंत्री भूपेश बघेल ने […]
Read Moreदिल्ली से होकर बहने वाली यमुना नदी को इतना साफ देख कर लोग काफी हैरानी भी जता रहे हैं. इस नदी को साफ करने की कोशिश में सालों से अलग अलग सरकारों ने कितनी ही योजनाएं और समितियां बनाईं और कितना ही धन खर्च किया लेकिन ऐसे नतीजे कभी नहीं दिखे जो लॉकडाउन के दौरान […]
Read Moreख्याति प्राप्त चिंतक आनंद तेलतुम्बड़े की आसन्न गिरफ्तारी के साए में भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) अहमदाबाद के 280 शिक्षकों और छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट से उनकी जमानत अर्जी पर पुनर्विचार की मार्मिक अपील की है. सुप्रीम कोर्ट ने 16 मार्च को उनकी अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी थी और छह अप्रैल यानी सोमवार तक […]
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