अरविंद मोहन अनेक अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियों ने जब आर्थिक कामकाज और प्रदर्शन पर भारत की रेटिंग गिरानी शुरू की तो इस बार संसद में पेश आर्थिक सर्वेक्षण में बाजाप्ता इस बात की शिकायत की गई है कि हमारी आर्थिक स्थिति जैसी है वह बाहर की रेटिंग में क्यों प्रदर्शित नहीं होती। कई लोग मानते हैं […]
Read Moreबी. सिवरामन ‘‘ राष्ट्रीय हित में, बैंक कर्मियों ने शपथ ली है कि वे मोदी को उनके इस ख़तरनाक पथ पर आगे नहीं बढ़ने देंगे और वे प्रतिरोध में अब संघर्षशील किसानों के साथ कंधे-से-कंधा मिलाते हुए आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे। ” अभी दो, इसके बाद चार, और अंत में एक छोड़कर सभी बारह! इस […]
Read Moreहिंदू धर्म का और भी सरलीकरण कर दिया गया है। उसके लिए मानसिक और आध्यात्मिक श्रम की आवश्यकता नहीं। मन में अन्य धर्मावलम्बियों के लिए द्वेष होना ही पर्याप्त है। विशेषकर मुसलमानों के लिए। फिर किसी मुसलमान को अकेले देखकर उसे पीट देना, उसकी फ़िल्म बनाना और उसे चारों ओर प्रसारित करना। जितने प्राणी उसे […]
Read Moreराम यादव सर्वकालिक महान वैज्ञानिक माने जाने वाले अल्बर्ट आइंस्टीन की एक खोई हुई पांडुलिपि हाल ही में मिली है अल्बर्ट आइंस्टीन (जर्मन उच्चारण आइनश्टाइन) का जन्म, 14 मार्च 1879 को तत्कालीन जर्मन साम्राज्य के उल्म शहर में रहने वाले एक यहूदी परिवार में हुआ था. उल्म आज जर्मनी के जिस बाडेन-व्यूर्टेमबेर्ग राज्य में पड़ता […]
Read Moreसंजय राय तर्कवादी नरेंद्र दाभोलकर और कामरेड गोविंद पानसरे की हत्या के मामले में चल रही जांच को लेकर एक बार फिर बॉम्बे हाई कोर्ट ने जाँच एजेंसियों को फटकार लगाई है। फरवरी 2020 में भी हाई कोर्ट ने ऐसे ही शब्दों में फटकारा था। लेकिन एक साल में अदालत को जांच प्रक्रिया में कोई […]
Read Moreहमारे देश के सत्ताधारी दल भाजपा के पितृ संगठन आरएसएस के स्वाधीनता संग्राम में कोई हिस्सेदारी न करने पर चर्चा होती रही है. पिछले कुछ वर्षों में संघ की ताकत में आशातीत वृद्धि हुई है और इसके साथ ही इस संगठन के कर्ताधर्ताओं ने यह जताने के प्रयास भी तेज कर दिए हैं कि आज़ादी […]
Read Moreअनामिका को साहित्य अकादेमी सम्मान मिलने की घोषणा के साथ ही हिंदी के सोशल मीडिया संसार में जैसे जश्न शुरू हो गया है। मुझे याद नहीं आता, हिंदी में किसी पुरस्कार पर ऐसे सामूहिक उल्लास का माहौल पहले कब बना था। यह उनको हासिल व्यापक स्वीकृति और स्नेह का सूचक है। इसका श्रेय जितना अनामिका […]
Read Moreनेटफ्लिक्स पर अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर रिलीज हुई ‘बॉम्बे बेगम्स’ विवादों में घिर गई है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा आरोप लगाए गए हैं कि इसमें बच्चों का अनुचित तरीके से चित्रण किया गया है। एनसीपीसीआर ने एक नोटिस जारी कर इस वेब सीरीज की स्ट्रीमिंग को रोकने की मांग की है। […]
Read Moreहीतेन कांति कलन हमारे पास तेज़ी से बहुलतावाद की तरफ़ आढ़ती संस्कृति के लिए उपयुक्त शब्दावली मौजूद है। तो हम लोगों पर वह लेबल क्यों लगाते हैं, जो वे हैं ही नहीं? मुझे आज भी सब कुछ स्पष्ट याद है – मैं परिवार के साथ देश की राजधानी से 4.5-5 घंटे दक्षिण में जा रहे […]
Read Moreअजय गुदावर्ती देश की अधिकांश राजनीतिक पार्टियां नवउदारवाद की नीतियों की समर्थक हैं, जो आरएसएस के लिए उपजाऊ ज़मीन तैयार करती है और वह सभी पार्टियों और संस्थाओं को अपने अधिपत्य की कल्पना के भीतर लाना चाहती है। समालोचक, विचारक और एक्टिविस्ट नौम चॉम्स्की ने अमेरिका को एक “कॉर्पोरेट लोकतंत्र” के रूप में संदर्भित किया […]
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