पितृसत्तात्मक समाज महिलाओं को हमेशा कमतर क्यों आंकता है ?

March 8, 2021

शिखा सर्वेश पितृसत्तात्मक समाज की सोच को बदलने के लिए राजनीतिक दलों, सरकारों एवं सामाजिक संगठनों को मिलकर काम करना होगा। इस मानसिकता के नहीं बदलने तक महिलाओं की स्थिति में सुधार संभव नहीं है। आज भी स्वतंत्र स्त्री की पराधीनता में सबसे बड़ी बाधक बात यही है कि वह हमेशा किसी न किसी के […]

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महिला-विरोधी फिल्मों के बीच पितृसत्ता की बेड़ियां तोड़ती ‘द लास्ट कलर’

March 8, 2021

श्रेया हाल में ही एमज़ॉन प्राइम पर आई फिल्म ‘द लास्ट कलर’ इस पितृसत्तात्मक समाज की बेड़ियों को तोड़ती हुई महिलाओं, मूलतः विधवाओं के हकों की बात करती है। बनारस में फिल्माई गई यह फिल्म महिला केन्द्रित फिल्म है जो विधवाओं के साथ होने वाले अमानवीय बर्ताव के अलावा और भी कई संजीदा विषयों के […]

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अखंड भारत या दक्षिण एशियाई देशों का महासंघ- राम पुनियानी

March 8, 2021

भारत का विभाजन दक्षिण एशिया के लिए एक बड़ी त्रासदी था. विभाजन के पीछे मुख्यतः तीन कारक थे – पहला, ब्रिटिश सरकार की फूट डालो और राज करो की नीति, दूसरा, हिन्दू साम्प्रदायिकता, जो भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाना चाहती थी और तीसरा, मुस्लिम साम्प्रदायिकता, जो धर्म के आधार पर एक अलग देश, पाकिस्तान, की […]

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‘ संघ आज़ादी की लड़ाई में शामिल नहीं था, भाजपा हमें हिंदुत्व ना सिखाए’- उद्धव ठाकरे

March 5, 2021

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आरएसएस और भाजपा पर जमकर हमला बोलते हुए कहा कि शिव सेना तो भारत की आज़ादी के संघर्ष के दौरान नहीं थी लेकिन भाजपा का मातृ संगठन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ भी इस लड़ाई में शामिल नहीं था। उन्होंने भाजपा पर भी हमला बोलते हुए कहा, “भारत माता की […]

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राजधानी कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय में व्याख्यान : स्वाधीनता मनुष्य की बुनियादी ज़रूरत है – प्रो. विजय बहादुर सिंह

March 5, 2021

स्वाधीनता ‘स्व’ की चेतना है। स्वाधीनता संग्राम में देश के प्रमुख साहित्यकारों, विचारकों और राजनेताओं की गतिविधियाँ राष्ट्र के ‘स्व’ की तलाश करती हैं और उसी ‘स्व’ के आधार पर स्वतंत्रता के विचार को अमलीजामा पहनाती हैं। राजधानी कॉलेज, हिंदी विभाग की साहित्यिक संस्था ‘हिंदी साहित्य परिषद्’ द्वारा डिजिटल प्लेटफॉर्म पर ‘स्वाधीनता आंदोलन और हिंदी […]

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जी-23 के तीन कागजी शेर और परिक्रमा-पसंद आलाकमान ! – उर्मिलेष

March 4, 2021

कांग्रेस में आज जिस तरह की सियासी अफरा-तफरी मची है, उसके लिए पार्टी का आलाकमान कम जिम्मेदार नहीं है. देश की सबसे पुरानी पार्टी में ओहदा या हैसियत पाने की सबसे बडी योग्यता मानी जाती है वरिष्ठ  उर्मिलेष का विश्लेषण: समाचार में दी गई लिंक पर सुन सकते हैं- कांग्रेस में आज जिस तरह की […]

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नई शिक्षा नीति का हो गया है भगवाकरण?

March 4, 2021

नीलू व्यास की रिपोर्ट क्या शिक्षा का भगवाकरण हो गया है? क्या देश की शिक्षा नीति को संघ के सुपुर्द कर दिया गया है? नीलू व्यास की सारगर्भित रिपोर्ट – सौज- सत्यहिन्दी

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किताबख़ानाः रेणु जन्म शताब्दी पर बनास जन का विशेषांक- जीवेश प्रभाकर

March 4, 2021

वर्ष 2021 फणीश्वरनाथ रेणु जन्मशताब्दी वर्ष है। भारतीय जन मानस , खांटी देशीय लोक जीवन के अप्रतिम रचनाकार रेणु को  याद करते हुए यह महसूस होता है कि आज उनके निधन के लगभग 45 बरस बाद भी उनकी प्रासंगिकता बरकरार है। इस अवसर पर बनास जन पत्रिका ने विशेषांक प्रकाशित किया है। विशेषांक के संपादक श्री […]

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खुला पत्र: मीलॉर्ड ये तो सरासर ग़लत है, नहीं चलेगा!

March 3, 2021

भाषा सिंह संभवतः पहली बार देश के मुख्य न्यायाधीश को संबोधित करते हुए एक खुला पत्र देश की महिला संगठनकर्ताओं, नारीवादियों ने लिखा है—जिसमें उनसे सीधे-सीधे यह पूछा गया है कि 1 मार्च 2021 को एक बलात्कार के मामले सुनवाई करते हुए आखिरकार किस तरह से बलात्कार आरोपी के सामने यह सुझाव रखते हैं कि […]

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संवैधानिक संस्थाओं को खत्म करने की कोशिश कर रहा संघ – कौशिक बसु से राहुल गांधी की बातचीत

March 3, 2021

राहुल गांधी ने कांग्रेस में अंदरूनी लोकतंत्र को लेकर कहा- मेरी ही पार्टी के लोगों ने मेरी आलोचना की देश के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार और जानेमाने अर्थशास्त्री कौशिक बसु ने राहुल गांधी से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की. जिसमें उन्होंने राहुल से उनकी राजनीतिक और कांग्रेस पार्टी को लेकर कई सवाल किए. राहुल […]

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