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Year: 2020

जब महामारी में ‘बेल’ की जगह ‘जेल’ बन गया नियम

नीलिमा दत्ता और सुज़ान अबरहा महामारी के समय हमारी जेलों में क़ैद विचारधीन क़ैदियों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया जा रहा है।  गिरता स्वास्थ्य और उम्रदराज़ क़ैदियों को ज़मानत देने के दिशानिर्देश देने के बावजूद, कोर्ट ने भीमा कोरेगांव के मामले में फंसे कार्यकर्ताओं को ज़मानत देने से इनकार कर दिया है। लेखक, यहाँ…

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जामिया, मुजीब भाई और मैं(4 )- असग़र वजाहत

असग़र वजाहत (जन्म – 5 जुलाई 1946) – हिन्दी साहित्य  में  महत्त्वपूर्ण कहानीकार एवं   नाटककार के रूप में सम्मानित नाम हैं। इन्होंने कहानी, नाटक, उपन्यास, यात्रा-वृत्तांत, फिल्म तथा चित्रकला आदि विभिन्न क्षेत्रों में महत्त्वपूर्ण रचनात्मक योगदान किया है। इन्होने दिल्ली स्थित जामिया मिलिया इस्लामिया में लगभग 40 वर्षों तक अध्यापन किया एवं हिन्दी विभाग के अध्यक्ष रहे । हम उनके जामिया…

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प्रवासी मजदूरों की समस्या के बीच वेब सीरीज़ ‘भोंसले’ बहुत प्रासंगिक है: मनोज बाजपेयी

लछमी देब रॉय मुंबई में हर प्रोफेशन में गलाकाट प्रतिस्पर्धा की वजह से लोगों को मजबूत रहने की सीख मिल जाती है, अभिनेता मनोज वाजपेयी ने ‘आउटलुक’ की लछमी देब रॉय को दिए एक विशेष साक्षात्कार में ये बाते कहीं, जिसमें वह अपनी नई फिल्म ‘भोंसले’ के बारे में बात कर रहे हैं।यहां पढ़ें साक्षात्कार के…

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स्मार्ट सिटी योजना से कोविड-19 का कोई हल क्यों नहीं होगा?

सीन राय-रोचे  अनुवाद- महेश कुमार हालांकि स्मार्ट सिटी मिशन को महामारी के एक महत्वपूर्ण जवाब के रूप में पेश किया जा रहा है, लेकिन असली मुद्दा कुछ ओर है। भारत के महत्वाकांक्षी स्मार्ट सिटी मिशन (SCM) की घोषणा हुए पांच साल बीत चुके हैं। इस मामले में यह कहना सही होगा कि इसमें अभी तक…

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मशहूर कोरियोग्राफर सरोज खान का निधन

बॉलीवुड की मशहूर कोरियोग्राफर ने शुक्रवार देर रात को बांद्रा स्थित गुरु नानक हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली। मनोरंजन जगत के तमाम सेलेब्स सरोज खान को श्रद्धांजलि दे रहे हैं। बहुत कम लोग ही जानते हैं कि 22 नवंबर, 1948 को जन्मी सरोज खान का असली नाम निर्मला नागपाल है। सरोज के पिता का नाम…

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बहुत लाभकारी हैं घरेलू उबटन सौंदर्य बढाने में

आज की भाग-दौड़ की जिन्दगी में महिलाएं आए दिन ब्यूटी पार्लरों की शरण लेने लगी हैं। आज ब्यूटी पार्लर की यह बीमारी महानगरों में ही नहीं बल्कि छोटे शहरों, कस्बों और गांवों में भी फैलती जा रही है। ब्यूटी पार्लरों में जाने से काफी पैसा भी खर्च होता है तथा विभिन्न रासायनिक पदार्थों के प्रयोग…

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जामिया, मुजीब भाई और मैं (3) – असगर वजाहत

असग़र वजाहत (जन्म – 5 जुलाई 1946) – हिन्दी साहित्य  में  महत्त्वपूर्ण कहानीकार एवं   नाटककार के रूप में सम्मानित नाम हैं। इन्होंने कहानी, नाटक, उपन्यास, यात्रा-वृत्तांत, फिल्म तथा चित्रकला आदि विभिन्न क्षेत्रों में महत्त्वपूर्ण रचनात्मक योगदान किया है। इन्होने दिल्ली स्थित जामिया मिलिया इस्लामिया में लगभग 40 वर्षों तक अध्यापन किया एवं हिन्दी विभाग के अध्यक्ष रहे । हम उनके…

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गांधी रास्ता भी हैं, संकल्प भी – कुमार प्रशांत

मोहनदास करमचंद गांधी एक ऐसे अंतरराष्ट्रीय ‘अपराधी’ हैं, जिसने अपने हर अपराध का साक्ष्य इकट्ठा कर हमें सौंप दिया है. हमें जब, जहां, जैसी जरूरत होती है, हम उसका इस्तेमाल कर उन्हें सजा दे देते हैं. फिर हम खुद से ही पूछते रह जाते हैं कि हमने यह क्या किया? गांधी हर बार किसी व्यक्ति…

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प्रशासन द्वारा जारी दो निर्देशों से कश्मीरी अवाम तनाव में

लद्दाख में भारत और चीन की सीमा पर लगातार बने हुए तनाव के बीच, जम्मू और कश्मीर प्रशासन द्वारा जारी किए गए दो निर्देशों की वजह से कश्मीरी अवाम में चिंता और घबराहट का माहौल बन गया है. ये दो निर्देश कश्मीर में एलपीजी सिलिंडरों के दो महीनों के स्टॉक की उपलब्धि सुनिश्चित करने और गांदेरबल…

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भारतीय इतिहास को लेकर जी डी बख़्शी के दावे और पुरातत्वविद् शिरीन रत्नागर के जवाब

जेएनयू के एक वेबिनार में भारतीय इतिहास को लेकर सेवानिवृत्त मेज़र जनरल, जी.डी.बख़्शी के “सरस्वती सभ्यता” पर व्याख्यान  में किये गये एक-एक दावों को लेकर पुरातत्वविद शिरीन रत्नागर ने जवाब दिया है। कई वर्षों से सिंधु घाटी सभ्यता पर काम कर रहीं प्रख्यात पुरातत्वविद् रत्नागर की अब तक कई किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं और उन्हें…

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